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हाटी जनजातीय बिल राज्यसभा में पारित, अब राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए जाएगा
Last Updated on July 26, 2023 by saroj patrwal
हिमाचल के जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय के लिए आज एक बड़ी खबर सामने आई है। हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने संबंधी बिल राज्यसभा में भी आज पारित हो गया। इससे पहले गत वर्ष 16 दिसंबर को लोकसभा में ध्वनिमत से इस बिल को पारित किया गया था। अब इस बिल के दोनों सदनों से पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बाद दोपहर राज्यसभा में पेश किया । जिस पर करीब दो घंटे चर्चा हुई और करीब चार बजे बिल पारित हुआ। हाटी समुदाय की पांच दशक पुरानी मांग मानसून सत्र में पूरी हो गई। शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर ने राज्यसभा में हाटी समुदाय को जनजातिय दर्जा दिलाने वाले बिल के पारित होने की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।
शिमला से लेकर सिरमौर तक जश्न का माहौल
जाहिर है 14 सितंबर 2022 को केंद्रीय कैबिनेट ने जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने को मंजूरी प्रदान की थी। यह मांग दो लाख लोगों से जुड़ी है, जिसका इंतजार समुदाय के लोग पिछले पांच दशक से कर रहे हैं। गिरिपार को जनजाति क्षेत्र का दर्जा मिलने से यहां सीधे तौर पर 154 पंचायतों में रहने वाले 14 जातियों के लोगों संवैधानिक अधिकार मिलेगा। राज्यसभा में बिल पास होने के बाद शिमला से लेकर सिरमौर तक जश्न का माहौल है। हाटी समुदाय के लोगों ने शिमला में लड्डू बांटकर खुशी को जाहिर किया। पूर्व सीएम जयराम ठाकुर, सांसद सुरेश कश्यप, पूर्व विधायक बलदेव तोमर, विधायक रीना कश्यप तथा पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी के प्रयासों से इस मामले में एथनोग्राफिक रिपोर्ट शोध संस्थान के गठन के बाद केंद्र को भेजी थी। बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने का वादा किया था, जिसे बीजेपी सरकार ने पूरा करके गिरिपार के हाटी समुदाय को उनका अधिकार दिया है।