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#Nagrota_encounter: मौलाना मसूद के भाई के इशारे पर तबाही करना चाहते थे आतंकी
जम्मू के नगरोटा में गुरुवार को हुए एनकाउंटर (#Nagrota_encounter) में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के चारों आतंकी अपने सरगना मौलाना मसूद अजहर के भाई मुफ्ती रऊफ असगर से भारत में बड़े हमले का फरमान पाकर आए थे। सुरक्षाबलों ( Security forces)ने माना है कि इसका उद्देश्य एक बड़ा हमला करना हो सकता था, जिसकी योजना सीमा पार बनाई गई थी। मारे गए आतंकियों के पास से मिले जीपीएस डिवाइस और मोबाइल फोन की आधार पर की गई शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि वे पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के ऑपरेशनल कमांडरों मुफ्ती रऊफ असगर और कारी ज़ार के संपर्क में थे। इनका उद्देश्य घाटी में कहर बरपाने का था। मुफ्ती असगर जेएम प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र नामित वैश्विक आतंकवादी मसूद अजहर का छोटा भाई है।
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जांच एजेसी को आतंकियों के पास से पाकिस्तान की एक कंपनी का डिजिटल मोबाइल रेडियो (DMR) बरामद हुआ है। यही नहीं आतंकियों के पास से जो मोबाइल मिले हैं, उसके मैसेज देखने के बाद साफ हो जाता है कि आतंकी लगातार पाकिस्तान में बैठे आकाओं के संपर्क में थे. एजेंसी को शक है कि ये मैसेज पाकिस्तान के शकरदढ़ से भेजे गए हैं। आतंकवादियों के मारे जाने के बाद पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक अहम बैठक की। जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के अलावा कई अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों की साजिश को नाकाम करने की बात कही।