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जानिए कजरी तीज का शुभ मुहूर्त,पूजा में यह चीज़ें शामिल करने से मिलेगा मनोवांछित फल
भाद्रपद माह की शुरुआत हो चुकी है और इस महीने आने वाले तीज त्योहार का सिलसिला भी शुरू हो गया है. सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए इस महीने कई व्रत और त्योहार भी मनाए जाते हैं. जिसमें से एक कजरी तीज का व्रत भी है। इस साल कजरी तीज का व्रत 2 सितंबर को रखा जा रहा है। कजरी तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए खास होता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं। इसके अलावा कुंवारी लड़कियां भी सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन माता पार्वती और भोले शंकर की विधि-विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है।
कजरी तीज का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 01 सितंबर रात्रि 11 बजकर 50 मिनट से शुरू हो जाएगी और 02 सितंबर रात्रि 10 बजकर 49 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में कजरी तीज पर्व 02 सितंबर 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा।
कजरी तीज की पूजा विधि
- कजरी तीज व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
- इसके बाद पूजा स्थल को साफ करके वहां एक चौकी पर लाल रंग या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।
- माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें। यह मूर्ति वह मिट्टी से स्वयं बना सकती हैं या फिर बाजार से लाकर स्थापित कर सकती हैं।
- इसके बाद वे शिव-गौरी का विधि विधान से पूजन करें, जिसमें वह माता गौरी को सुहाग के 16 सामग्री अर्पित करें।
भगवान शिव को बेलपत्र, गाय का दूध, गंगा जल और धतूरा अर्पित करें। - इसके बाद शिव-गौरी के विवाह की कथा सुनें।
- रात्रि में चंद्रोदय होने पर पूजा करें और हाथ में चांदी की अंगूठी और गेहूं के दाने लेकर चंद्रदेव को जल का अर्घ्य दें।
- पूजा समाप्त होने के बाद किसी सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करके उनका आशीर्वाद लें और व्रत खोलें।
कजरी तीज की पूजा सामग्री
कजरी तीज के दिन पूजा के लिए सबसे पहले मां पार्वती और शिवजी की मूर्ति रखें साथ ही एक चौकी भी तैयार करें। वहीं पूजा सामग्री के लिए आप पीला वस्त्र, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत या चावल, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, पंचामृत रखें।
कजरी तीज व्रत का महत्व
कजरी तीज के दिन न केवल सुहागिन महिलाएं बल्कि कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा वर पाने के लिए कजरी तीज का व्रत रखती है। कजरी तीज का व्रत करने से एक तरफ जहां पति को सुख सौभाग्य और लंबी उम्र का वरदान मिलता है तो वहीं दूसरी तरफ विधि-विधान पूर्वक भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा आराधना करने से मनोवांछित फल की भी प्राप्ति होती है। करवा चौथ की तरह ही कजरी तीज का व्रत रखा जाता है और शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. अर्घ्य देने के बाद व्रत रखने वाली महिलाएं अपना उपवास तोड़ती है।