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हंगामेदार रहा MC Shimla का मासिक सदन, Property Tax को लेकर शहरवासियों को राहत
शिमला। नगर निगम शिमला (MC Shimla) के मासिक सदन में प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) जमा करवाने के लिए शहरवासियों को बड़ी राहत दी गई है। अब शहरवासियों को प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने के लिए 15 की जगह 21 दिन का समय मिलेगा। इसकी मंजूरी सदन में मिल गई है। सदन में नगर निगम के पार्षद दिवाकर देव शर्मा ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि निगम बिल देने के 15 दिन तक ही 10 फीसदी छूट की सुविधा देता है। पर कई लोगों को समय पर बिल नहीं मिलता, जिससे वह 10 फीसदी छूट की सुविधा से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने इस अवधि को बढ़ाने का प्रस्ताव सदन में रखा। साथ ही उन्होंनेकूड़ा शुल्क पर लगाई जा रही पेनल्टी भी माफ करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कोरोना (Corona) के चलते कई लोग अभी भी शिमला से बाहर हैं। यह कूड़ा शुल्क जमा नहीं कर पाए हैं। इनके बिल पर लगने वाली पेनल्टी माफ की जाए। मेयर सत्या कौंडल ने भी उनका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि दिसंबर तक पेनल्टी माफ होनी चाहिए। हालांकि, इस पर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है। लोगों को यह राहत मिलेगी या नहीं, इस पर आने वाले दिनों में स्थिति साफ होगी।
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शहर में पिछले चार साल से गरीब परिवारों के बीपीएल कार्ड ना बनने पर नगर निगम के मासिक सदन में खूब हंगामा हुआ। पार्षदों ने मामले में ढील बरतने पर सरकार को निशाने पर लिया। मेयर सत्या कौंडल की अध्यक्षता में हुई मासिक बैठक में पार्षद दिवाकर देव शर्मा ने पूछा कि आखिर नए बीपीएल कार्ड (BPL Card) क्यों नहीं बन रहे। पार्षद विवेक शर्मा ने कहा कि गरीब परिवार चक्कर काट रहे हैं। वहीं, कार्यकारी आयुक्त अजीत भारद्वाज ने कहा कि इस मामले में सरकार को पत्र लिख चुके हैं। शहर में आय सीमा के नए सर्वे पर कार्ड बनाने हैं या फिर पुरानी आय सीमा ही लागू रखनी है, इस पर दिशा निर्देश मिलने पर नए कार्ड बनाने या रिन्यू करने पर फैसला ले सकते हैं। उप महापौर शैलेंद्र चौहान ने पूछा कि साथ लगती पंचायतों में जब बीपीएल कार्ड बन सकते हैं तो नगर निगम में क्यों नहीं। इस पर सदन में ही फैसला लिया जाए।
बीजेपी पार्षद संजीव ठाकुर ने कहा कि मेयर और डिप्टी मेयर इस मामले को लेकर सरकार के समक्ष क्यों नहीं उठाते हैं। इस मुद्दे पर सदन में हुई लंबी चर्चा के बाद निर्णय लिया गया कि शहरी विकास विभाग को पत्र भेजा जाएगा। सदन में इंजनघर और बैनमोर के सेनेटरी इंस्पेक्टर के तबादले पर पार्षद आरती चौहान और किमी सूद ने सवाल उठाए। कहा कि कम से कम पार्षद को तो पूछा जाना चाहिए था। आरती चौहान की कार्यकारी आयुक्त से नोंकझोंक भी हुई। पार्षद ने कहा कि तबादले के लिए उनसे पूछा जाना चाहिए। कार्यकारी आयुक्त ने कहा कि यह प्रशासनिक फैसला है। इस बारे में पार्षदों से पूछना जरूरी नहीं। कुसुमलता ने न्यू शिमला में बिजली तारों पर झूल रहे पेड़ों की शाखाएं बर्फबारी से पहले काटने की मांग उठाई आरती चौहान ने हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में सड़क पर लग रहे गेट का मामला उठाया।आयुक्त ने कहा कि इसे तोड़ने के लिए नोटिस भेजा जाएगा। पार्षद राकेश चौहान ने बंदरों के आतंक का मुद्दा उठाया।