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मुजफ्फरनगर दंगे : 12 आरोपी बीजेपी नेताओं के केस वापस लेगी योगी सरकार, कोर्ट ने दी इजाजत
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar Riots) में हुए दंगों में हिंसा भड़काने के आरोप में नामजद 12 बीजेपी (BJP) नेताओें को राहत मिली है। इन बीजेपी नेताओं के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जा रहे हैं। न्यायालय (Court) ने नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों के केस वापस लेने की इजाजत दे दी है। इसमें योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा (Minister Suresh Rana) और संगीत सोम सहित 12 नेताओं के नाम शामिल हैं। स्थानीय अदालत ने 2013 में दंगों (Riots) के मामले में इन नेताओं के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने की इजाजत दी है।
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जिन बीजेपी (BJP) नेताओं का राहत मिली है उसमें योगी सरकार के एक कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) भी शामिल हैं। इसमें योगी सरकार के मंत्री सुरेश राणा, सरधना से बीजेपी विधायक संगीत सोम (Sangeet Som), पूर्व बीजेपी सांसद भारतेंदु सिंह और वीएचपी (VHP) नेता साध्वी प्राची सहित 12 बीजेपी नेता शामिल हैं। विशेष न्यायालय के न्यायाधीश (Justice) राम सुध सिंह ने सरकारी वकील को शुक्रवार को मामले वापस लेने की स्वीकृति दी है।
इस मामले में सरकारी वकील राजीव शर्मा (Advocate Rajeev Sharma) के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और लोक सेवक को कर्तव्य करने से रोकने के संबंध में आईपीसी (IPC) की कई धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे। इन नेताओं पर आरोप था कि इन लोगों ने एक महापंचायत (Mahapanchayat) में हिस्सा लिया। अगस्त 2013 के आखिरी सप्ताह में हुई महापंचायत में भड़काऊ भाषण दिए गए। इसके बाद इलाके में सांप्रदायिक हिंसा (violence) भड़की।
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आपको बता दें कि इस मामले में सरकारी वकील ने अदालत में याचिका लगाई थी। याचिका (Petition) में कहा गया था कि यूपी सरकार ने उक्त नेताओं के खिलाफ मुकदमा आगे नहीं बढ़ाने का जनहित में फैसला लिया है। अब न्यायालय (Court) ने भी इसकी मंजूरी दे दी है। गौरतलब हो कि मुजफ्फरनगर और उसके पड़ोसी जिलों में सितंबर 2013 में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। कवाल गांव में दो युवकों की हत्या (Murder) के बाद भड़की हिंसा में करीब 62 लोगों की मौत हुई और 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित भी हुए थे।