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राजकीय सम्मान के साथ देश के पहले वोटर श्याम सरन नेगी को दी अंतिम विदाई
भारत के पहले वोटर श्याम सरन नेगी का आज अल सुबह निधन हो गया। उनका शनिवार को शोंगठोंग स्थित सतलुज किनारे अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले उनकी पार्थिव देह को घर पर ही तिरंगे में लपेटा गया। घर से श्याम सरन नेगी की पार्थिव देह को तिरंगे में लपेटकर शोंगठोंग स्थित सतलुज किनारे श्मशान घाट तक ले जाया गया। जहां पर होमगार्ड के जवानों ने बैंड बजाकर और पुलिसा की टुकड़ी ने हवा में फायर कर श्याम सरण नेगी को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। नेगी के अंतिम संस्कार में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। वहीं, चुनाव ऑब्जर्वर, उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक, SP विवेक चहल, SDM कल्पा शशांक गुप्ता सहित प्रशासन की टीम यात्रा में शामिल हुई और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। वहीं श्याम सरन नेगी के परिवार को सांत्वना देने के लिए केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त करीब 4 बजे किन्नौर पहुंचेंगे।
बता दें कि देश के पहले वोटर श्याम सरन नेगी (Shyam Saran Negi) का आज सुबह निधन हो गया। 106 वर्षीय नेगी ने आज सुबह अपने घर कल्पा (Kalpa in district Kinnaur) में अंतिम सांस ली। वो पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। इसी के चलते 2 नवंबर यानी बुधवार को उन्होंने वोट डाला था। हालांकि श्याम सरन नेगी हर बार मतदान करने पोलिंग बूथ पर जाते थे लेकिन उनके शरीर ने जब साथ नहीं दिया तो परिवार वालों की बात मान ली और घर पर ही मतपत्र से वोट डाला। सीएम जयराम ठाकुर ने श्याम सरण नेगी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
ईश्वर उनकी पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकग्रस्त परिवारजनों को संबल प्रदान करें।
ॐ शांति!
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) November 5, 2022
हिमाचल विधानसभा के लिए 12 नवंबर को मतदान होना है, लेकिन चुनाव आयोग ने 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग और दिव्यांगजनों के लिए घर से मतदान की व्यवस्था की है। डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ हुआ।
105 वर्षीय नेगी का राजकीय सम्मान के अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस की टुकड़ी और होमगार्ड के जवानों ने हवा में गोलियां चलाकर उन्हें सलामी दी। डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने नेगी के घर पहुंचकर परिवार के लोगों को ढांढस बंधाया और अंतिम यात्रा में शामिल हुए। घर से श्मशानघाट तक करीब 16 किमी की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए।
श्याम सरण नेगी का जन्म सन 1917 में हुआ था। दस साल की उम्र में वह स्कूल गए और उन्होंने पांचवीं तक की पढ़ाई कल्पा में की। इसके बाद वह पढ़ाई के लिए रामपुर भी गए। रामपुर जाने के लिए पैदल तीन दिन लगते थे। उन्होंने नौंवी तक की पढ़ाई रामपुर (Rampur) में ही की। उम्र ज्यादा होने पर उन्हें दसवीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिला था। वहीं उन्होंने 1940 से 1946 तक वन विभाग में नौकरी की। इसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए और कल्पा में में लोअर मिडल स्कूल में अध्यापक बन गए। श्याम सरण नेगी ने आजादी के बाद अपना पहला वोट 25 अक्टूबर सन 1951 को डाला था। कल्पा जनजातीय जिले का हिस्सा है। यहां बर्फबारी होने से पहले ही मतदान प्रक्रिया हो गई थी और श्याम सरण नेगी ने सबसे पहले वोट डाला था। देश में फरवरी 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के चलते (because of snow) पांच महीने पहले सितंबर 1951 में ही चुनाव हो गए।