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Himachal में समाप्त की जाए संस्थागत क्वारंटाइन की शर्त
नई दिल्ली। हिमाचल (Himachal) में संस्थागत क्वारंटाइन की शर्त समाप्त की जाए। यह मांग हिमाचल मित्र मंडल दिल्ली (Delhi) ने सीएम जयराम ठाकुर, बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद एवं बीजेपी अध्यक्ष हिमाचल सुरेश कुमार, सांसद किशन कपूर और रामस्वरूप शर्मा को ज्ञापन भेज उठाई है। हिमाचल मित्र मंडल की महासचिव अनीता शर्मा ने कहा कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगभग 12 लाख हिमाचली मूल के लोग रहते हैं। सभी केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं और थल सेना, वायु सेना, अर्ध सैनिक बल में कार्यरत हैं । कुछ अन्य लोग पीएसयू या एमएनसी में आजीविका कमा रहे हैं और अप्रत्यक्ष रूप से हिमाचल की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं।
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उन्हांेंने कहा कि कोरोना (Corona) महामारी से पहले सभी चीजें अच्छी तरह से चल रही थीं। सभी हिमाचलवासी, जो दिल्ली एनसीआर में कार्यरत हैं, वे अपने दैनिक कार्यों को करने के लिए समय के अभाव के चलते तीन या चार दिन के लिए हिमाचल में अपने बुजुर्ग व बीमार माता-पिता की देखभाल, इलाज करवाने व अन्य आवश्यक कार्यों को निपटने के लिए आते-जाते रहते थे, लेकिन 20 मार्च के बाद जबसे लॉकडाउन शुरू हुआ है, तभी से हिमाचल सरकार के 14 दिनों के संस्थागत क्वारंटाइन (Quarantine) के सख्त नियमों व निर्देशों के कारण अपने अपने पैतृक गावं नहीं जा सके हैं।
पूरे देश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और केंद्र सरकार आर्थिक गतिविधियों का हवाला देकर सारे प्रतिबंधों को हटाने में जुटी है, लेकिन हिमाचल सरकार अभी भी 14 दिनों के संस्थागत क्वारंटाइन के नियमों का सख्ती से पालन कर रही है। इससे इन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए हिमाचल सरकार 14 दिनों के संस्थागत क्वारंटाइन के नियमों को समाप्त करे, ताकि दिल्ली व एनसीआर में रहने वाले हिमाचल के लोग 3-4 दिन की छुट्टी लेकर अपने बुजुर्ग व बीमार माता-पिता की देखभाल, इलाज करवाने व अन्य आवश्यक कार्यों को निपटने के लिए अपने पैतृक गांव जा सकें।
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