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Solan: बाहरा यूनिवर्सिटी में कार्यशाला, स्वास्थ्य मंत्री ने की शिरकत
दयाराम कश्यप/सोलन। शिक्षक छात्रों के स्वार्गीण विकास के लिए छात्रों के साथ व्यक्तिगत संबंध भी स्थापित करें। यह बात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा आयुष मंत्री डॉ. राजीव सैजल (Dr. Rajiv Saizal) ने सोलन जिला के कंडाघाट स्थित बाहरा विश्वविद्यालय (Bahra University) में विज्ञान व गणित अध्यापकों की क्षमता निर्माण के लिए आयोजित एक कार्यशाला व विश्वविद्यालय द्वारा ‘कीप हिमाचल क्लीन एंड ग्रीन’ कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर कही। जिला सोलन के कंडाघाट स्थित बाहरा विश्वविद्यालय के सभागार में शिक्षा विभाग (Education Department) द्वारा जिला सोलन और शिमला के विज्ञान व गणित अध्यापकों के लिए दो दिवसीय क्षमता निर्माण पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य खेल-खेल में छात्रों को गणित व साइंस का ज्ञान देना था।
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कार्यशाला के शुभारंभ पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल बतौर मुख्यातिथि के रूप में शरीक हुए। इस मौके पर उन्होंने बाहरा विश्वविद्यालय द्वारा एक वर्ष तक चलाए जाने वाले कीप हिमाचल क्लीन एंड ग्रीन’ कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दाड़लाघाट के अध्यापक तेजेंद्र शर्मा तथा जिला विज्ञान पर्यवेक्षक सोलन अमरीश शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक ‘वाईब्रेन्ट साइंस क्विज’ का विमोचन भी किया। यह पुस्तक छठी कक्षा से 12वीं कक्षा के छात्रों को प्रशनोत्तरी प्रतियोगिताओं की तैयारी में सहायता प्रदान करेगी। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने उपस्थित अध्यापकों से आग्रह किया है कि वह प्राचीन भारत की शिक्षा पद्धति पर भी विचार करें, ताकि प्राचीन शिक्षा पद्धति से भी छात्रों को ज्ञान मिल सके।
मीडिया से बात करते हुए स्वास्थय मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने बताया कि इस कार्यशाला से अध्यापकों को नए-नए गुर सिखने को मिलेंगे व इससे स्कूलों में छात्रों को सीधा लाभ होगा। साथ ही गणित (Mathematics) व साइंस में छात्रों की रूचि बढ़ेगी। उन्होंने बाहरा विश्वविद्यालय द्वारा एक वर्ष तक चले जाने वाले अभियान के बारे में कहा कि प्रकृति को बचाना समय की मांग है। यदि पर्यावरण से छेड़छाड़ की गई तो इसका नुकसान मानव जाति को ही उठाना होगा।