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धरती के इस हिस्से पर काम नहीं करता न्यूटन का यह लॉ, जानें क्यों?
नई दिल्ली। ग्रेविटी नाम तो सुना होगा। वह चेप्टर जहां से एक्चुअली में फिजिक्स की शुरुआत हुई। इसकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। सेब का सर आईजेक न्यूटन के सिर पर गिरना। जिसके बाद महान वैज्ञानिक ने लॉ ऑफ मोशन की खोज कर दी थी। आज हम आपको ग्रेविटी से जुड़ी ही एक और दिलचस्प कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं।
वैसे तो ग्रेविटी (Gravity) की कमी के कारण स्पेस (Space) में चीजों को हवा में उड़ना तो आम बात लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि धरती पर ऐसी जगह है जहां ग्रेविटी (Gravity) न के बराबर काम करती है। यहां जब कोई चीज ऊंचाई से नीचे फेंकी जाती है तो वो जमीन पर नीचे नहीं गिरती बल्कि हवा में उड़ने लगती है। ऐसी घटना को देखकर साइंटिस्ट (Scientist) भी हैरान हैं।
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अमेरिका के हूवर डैम में ग्रेविटी काम नहीं करती है। हूवर डैम अमेरिका के नेवादा और एरिजोना राज्य की सीमा पर स्थित है। हूवर डैम कोलोराडो नदी पर बना है। बताया जाता है कि हूवर डैम की बनावट ऐसी है कि वहां चीजें हवा में उड़ने लगती है। उनपर ग्रैविटी का लॉ फेल हो जाता है। हूवर डैम की ऊंचाई 726 फीट है। हूवर डैम के बेस की मोटाई 660 फीट है जो फुटबॉल के दो मैदानों के बराबर है।
हूवर डैम जिस नदी पर बना है उसका नाम कोलोराडो नदी है, जिसकी लंबाई 2334 किलोमीटर लंबी है। बता दें कि अमेरिका में हूवर डैम का निर्माण 1931 से 1936 के बीच हुआ था। हूवर डैम का नाम अमेरिका के 31वें राष्ट्रपति हर्बर्ट हूवर के नाम पर रखा गया था। बता दें कि धनुष के आकार में बने होने के कारण यहां चलने वाली हवा डैम की दीवार से टकराकर नीचे से ऊपर की तरफ चलती है। इसीलिए हूवर डैम से नीचे फेंकी गई चीजें जमीन पर नहीं गिरती हैं बल्कि हवा में उड़ने लगती हैं।
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