-
Advertisement
किसानों के लिए गुड न्यूजः अब हिमाचल में होगी दालचीनी की पैदावार
ऊना। हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। दालचीनी की पैदावार कर किसान अपनी आर्थिकी को मजबूत बना सकते है। सीएसआईआर के वैज्ञानिकों की ओर से किये गए शोध के बाद कृषि विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। प्रदेश के पांच जिलों में की जाने वाली दालचीनी की खेती का शुभारंभ आज ऊना जिला से किया गया। कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने जिला ऊना के गांव बरनोह में दालचीनी के पौधों का रोपण कर इस परियोजना का शुभारंभ किया है।
यह भी पढ़ें- हिमाचल में दूसरे दिन भी बढ़े पेट्रोल और डीजल के दाम, क्या है ताजा रेट यहां पढ़े
यूं तो दालचीनी दक्षिण भारत का प्रमुख वृक्ष माना जाता है, लेकिनअब जल्द ही हिमाचल दालचीनी की पैदावार का हब बनने जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में दालचीनी की खेती का शुभारंभ आज जिला ऊना के गांव बरनोह से किया गया। कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने गांव बरनोह में दालचीनी के पौधों का रोपण कर इस परियोजना का आगाज किया। दरअसल इस समय दालचीनी की फसल असंगठित तौर पर तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में ही उगाई जाती है तथा स्वास्थ्य एवं विशिष्ट गंध की वजह से इसकी देश तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी मांग है। इस समय देश में दालचीनी की औसतन प्रति वर्ष करीब 50 हजार टन डिमांड है जबकि असंगठित क्षेत्र में देश में लगभग पांच हज़ार टन दालचीनी फसल का उत्पादन किया जाता है।
देश में इस समय लगभग 45 हजार टन दालचीनी का आयात नेपाल, चीन, और वियतनाम जैसे देशों में किया जाता है। लेकिन हिमाचल में बड़े स्तर पर इसकी खेती कर इस मांग को काफी हद तक पूरा किया जा सकता है। वहीं दालचीनी की खेती को अपनाकर हिमाचल के किसानों की आर्थिकी में भी खासा सुधार होगा। कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हिमाचल सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले सरकार ने प्रदेश में हींग और केसर की खेती को बढ़ावा दिया था और इसी कड़ी में अब दालचीनी की खेती को बढ़ावा दिया है जिसके लिए बजट का भी प्रावधान भी किया गया है। राज्य में दालचीनी उगाने की पायलट परियोजना हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर तथा कृषि विभाग की संयुक्त तत्वाधान में चलाई जा रही है। हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर के वैज्ञानिकों की माने तो हिमाचल में दालचीनी की पैदावार के लिए वाकायदा शोध किया गया है और इस शोध में पाया गया था कि प्रदेश के गर्म तथा आर्द्रता भरे मौसम एवं सामान्य तापमान वाले ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा तथा सिरमौर ज़िलों में दालचीनी की फसल सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है।