- Advertisement -
आशीष भरमौरिया / शिमला। चुनाव क्या कुछ नहीं करवाते हैं। वैसे घोषणाएं भी चुनाव से ऐन पहले हो जाती हैं, जो दशकों से नहीं हुई होती और कुछ ऐसी घोषणाएं भी रुक जाती हैं जो की लोगों की जरूरत होती हैं। ऐसी है एक चुनाव से पहले की घोषणा बीते रोज सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के खड़ापत्थर से की। यहां सीएम जयराम ठाकुर ने एक ही विधानसभा में दो एसडीएम ऑफिस देने का ऐलान कर दिया। एक एसडीएम ऑफिस जुब्बल (SDM Office Jubbal) तो दूसरा एसडीएम ऑफिस कोटखाई (Kotkhai) के लिए।
हिमाचल को जब पूर्ण राज्य का दर्जा मिले 40 वर्ष से भी ज्यादा हो चुके हों तो एक ही विधानसभा में एसडीएम ऑफिस (SDM Office) ना होना और फिर एक साथ एक ही विधानसभा में दो एसडीएम ऑफिस देना जाहिर तौर विशुद्ध रूप से उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। जुब्बल कोटखाई से बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा के निधन के बाद उपचुनाव प्रस्तावित हैं, लेकिन असल सवाल यह है कि क्या दो एसडीएम ऑफिस जुब्बल कोटखाई (Jubbal Kotkhai) की खाई माप पाएंगे।
हालांकि इसे उपचुनाव से तो जोड़कर तो देखा ही जा रहा है, लेकिन एक ही विधानसभा में दो एसडीएम ऑफिस के पीछे खुद सीएम जयराम ठाकुर की अपनी विधानसभा का एक ऐसा दर्द छिपा है जो गाहे बगाहे सीएम जयराम ठाकुर को सालता होगा। एसडीएम ऑफिस कार्यालय को एक क्षेत्र में खोलने की जिद पर अड़े उनके ही विधानसभा में लोगों ने उनकी शव यात्रा तक निकला दी थी वह भी तब जब अभी नए नवेले सीएम बने थे। ये बात है फरवरी 2018 की। प्रेम कुमार धूमल की अप्रत्याशित हार के बाद जयराम ठाकुर एकाएक सीएम बनाए गए। अभी सीएम का पदभार संभाले उन्हें मुश्किल से एक महीने का समय ही बीता था कि उनके विधानसभा क्षेत्र सराज के जंजैहली में एसडीएम कार्यालय को लेकर बवाल खड़ा हो गया।
दरअसल वीरभद्र सरकार ने जंजैहली एसडीएम कार्यालय (Janjehli SDM Office) खोला था, जबकि तहसील मुख्यालय थुनाग में था। इसके साथ ही छतरी में उपतहसील भी खोली गई थी। सराज के ही कुछ लोगों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगा दी। थुनाग (Thunag) का पक्ष भारी पड़ा और न्यायालय की ओर से दोनों ही अधिसूचना रद्द कर दी गई। जंजैहली एसडीएम ऑफिस में कामकाज बंद करने पर आक्रोशित लोगों ने सीएम की शव यात्रा तक निकाल दी। हजारों लोग इस आक्रोश में शामिल हुए साथ ही साथ पुलिस पर भी पथराव हो गया था। फिर बाद में जाकर यह सहमित बनी कि महीने के कुछ दिन एसडीएम कार्यालय थुनाग की बजाय जंजैहली में खुलेगा। साथ ही साथ प्रदर्शन के दौरान दर्ज एफआईआर भी रद्द करने पर सहमति बनी थी।
अब उपचुनाव से ऐन पहले सीएम जयराम ठाकुर ने एक साथ दो एसडीएम ऑफिस देने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में यह तो जाहिर है कि सरकार यहां भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती, लेकिन इसके साथ ही कई सवाल खड़े होते हैं। ऐसे कितने ही विधानसभा क्षेत्र होंगे जिनके लिए उनका एसडीएम दफ्तर भी दूर होगा, लेकिन वहां सरकार और नेता दरियादिली नहीं दिखाते। साथ ही प्रशासनिक खर्चा बढ़ाकर क्या दिक्कतें सुलझेगी।
जनता औऱ सरकारें कब राजनीति से ऊपर उठकर कम खर्चीले और जनता के लिए सुलभ उपायों पर सोचना शुरू करेगी, क्योंकि जयराम ठाकुर ने भरे मंच से पहले साथ चलने का वादा लिया और जब जनता ने भी रिस्पांस दिया तभी दोनों जगह एसडीएम ऑफिस कार्यालय देने का ऐलान किया। जाहिर तौर पर यह एक विशुद्ध रूप से उपचुनाव को देखकर ऐलान किया गया है। ऐसे में विकास और विजन से ज्यादा सरकारों के लिए क्या महत्वपूर्ण होता यह तो जाहिर है।
- Advertisement -