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लर्नर लाइसेंस के लिए अब नहीं काटने होंगे चक्कर,बस ये काम कर लेना-घर पर ही बन जाएगा
धर्मशाला। लर्नर लाइसेंस (Learner’s License) बनवाने के लिए अब धर्मशाला में लोगों को आरएलए और आरटीओ कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, बल्कि घर बैठे ही लोग अपना लर्नर लाइसेंस बनवा सकेंगे। डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल (DC Kangra Dr Nipun Jindal) ने बताया कि नागरिकों को घर द्वार पर सुविधा उपलब्ध करवाने और डिजिटल सेवा का विस्तार करने के लिए पायलट आधार पर (RLA Dharamshala) आरएलए धर्मशाला में फेसलेस/कॉन्टैक्टलेस लर्नर लाइसेंस (Online Faceless Service) सेवा शुरू की गई है। प्रशासन की इस अभिनव पहल से लोगों को बिना आरएलए कार्यालय जाए भी आसान तरीके से अपना लर्नर लाइसेंस बनवाने में सुविधा होगी। लर्नर लाइसेंस के लिए फेसलेस सेवा नागरिकों को किसी भी सुविधाजनक स्थान से लर्नर लाइसेंस टेस्ट में शामिल होने की सुविधा प्रदान करेगी। इसके लिए लोगों को पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग प्राधिकरण कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने के इच्छुक लोगों के समय, धन और ऊर्जा की बचत होगी।
सात चरणों का पालन करना होगा
नई सुविधा का लाभ लेने के लिए सात चरणों का पालन करना होगा। जिसमें सबसे पहले आवेदक को लर्नर लाइसेंस के लिए सारथी पोर्टल पर आधार आधारित प्रमाणीकरण के साथ आवेदन करना होगा। दूसरे चरण में अनिवार्य जानकारियां जैसे नाम, पता और फोटो आधार पोर्टल से प्राप्त किए जाएंगे। तीसरे चरण में हस्ताक्षर अपलोड करने होंगे। उसके बाद ऑनलाइन मोड से आवश्यक शुल्क भुगतान करना होगा। पांचवे चरण में सड़क सुरक्षा पर अनिवार्य वीडियो ट्यूटोरियल देखना होगा। उसके बाद आवेदक को किसी भी स्थान से ऑनलाइन लर्नर लाइसेंस परीक्षा देनी होगी तथा सफल होने पर, अंतिम चरण में आवेदक को अपने मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से पोर्टल द्वारा भेजे गए लिंक के माध्यम से या सारथी वेब पोर्टल पर जाकर अपना लर्नर लाइसेंस प्राप्त होगा।
कैसे कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन
डॉ. निपुण जिंदल बताया कि लर्नर लाइसेंस के लिए सारथी पोर्टल (Sarthi Portal) के माध्यम से आवश्यक दस्तावेज और हस्ताक्षर अपलोड करके आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आवेदक इसी के माध्यम से अपेक्षित शुल्क भी ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आवेदन के दौरान प्रार्थी का व्यक्तिगत डेटा आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आधार आधारित लर्नर लाइसेंस प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी, जहां कोई सत्यापन, जांच और अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। आवेदन के लिए आधार पर दी जानकारी ही मान्य होगी। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति आधार के अलावा कोई अन्य पता देना चाहता है तो आवेदन को गैर-फेसलेस माना जाएगा और दस्तावेज के सत्यापन के लिए आवेदक को आरएलए कार्यालय जाना होगा।
आवेदन के बाद देखना होगा वीडियो ट्यूटोरियल
आवेदन जमा करने के सात दिनों के भीतर, लर्नर लाइसेंस के लिए प्रत्येक आवेदक को सुरक्षित ड्राइविंग पर एक (Online Video Tutorials)ऑनलाइन वीडियो ट्यूटोरियल देखना होगा। उन्होंने बताया कि यह आवेदक यह ट्यूटोरियल पोर्टल पर स्वयं जाकर या सुविधा केंद्र की सहायता से पूरा कर सकता है। ट्यूटोरियल में यातायात और सड़क पर वाहन चलाने के नियम, चालक के कर्तव्य, मानवरहित रेलवे क्रासिंग से गुजरते समय बरती जाने वाली सावधानियां और मोटर वाहन चलाते समय आवश्यक दस्तावेजों से संबंधित मामलों पर जानकारी शामिल होगी।
ट्यूटोरियल के बाद होगा ऑनलाइन टेस्ट
सुरक्षित ड्राइविंग पर ट्यूटोरियल करने के बाद, प्रत्येक आवेदक को आवेदन जमा करने के सात दिनों के भीतर पोर्टल पर ऑनलाइन टेस्ट देना होगा। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन टेस्ट शुरू होने से पहले आवेदक का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फेस ऑथेंटिकेशन किया जाएगा। इस दौरान यदि आवेदन प्रपत्रों में उपलब्ध चेहरे की छवि (आधार रिकॉर्ड के अनुसार) परीक्षण के लिए उपस्थित होने वाले आवेदक के चेहरे से मेल खाती होगी, तभी परीक्षण प्रक्रिया शुरू होगी। टेस्ट में ड्राइविंग और यातायात संबंधित ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाएंगे, जिनमें से कम से कम 60 प्रतिशत का सही उत्तर देने पर आवेदक को परीक्षा में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण माना जाएगा। उन्होंने बताया कि लर्नर लाइसेंस परीक्षा पूरी होने के तुरंत बाद आवेदक सारथी पोर्टल के माध्यम से फॉर्म-3 पर लर्नर लाइसेंस की एक प्रति डाउनलोड/प्रिंट कर सकता है।
अन्य सेवाएं भी हैं पाइपलाइन में
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि वर्तमान में नागरिकों को लर्नर लाइसेंस सेवाओं का लाभ उठाने के लिए व्यक्तिगत रूप से आरएलए और आरटीओ में कार्यालय जाना पड़ता था। इसके अतिरिक्त ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण के लिए भी इन कार्यालयों पर बोझ कम हो और लोगों को घरद्वार पर सुविधाएं मिल सके, इस दिशा में भी काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस नयी पहल से आधार आधारित प्रमाणीकरण के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण के लिए फेसलेस सेवाएं भी पाइपलाइन में हैं तथा इन्हें भी जल्द ही शुरू किया जाएगा।
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