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मॉनसून सत्रः शोर शराबे के बीच विपक्ष ने एक दिन में दो बार किया वॉकआउट
Last Updated on August 10, 2021 by saroj patrwal
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन से दो बार वॉकआउट किया। विपक्ष ने पहला वॉकआउट कोरोना महामारी के मुद्दे पर किया जबकि दूसरा वॉकआउट आरएसएस को लेकर कांग्रेस सदस्यों द्वारा की गई टिप्पणी पर हुए हंगामे के बाद किया। प्रदेश में कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति पर बीते रोज नियम 130 के तहत हुई चर्चा का आज स्वास्थ्य मंत्री राजीव सहजल ने जवाब दिया। मंत्री के जवाब से विपक्ष खुश नहीं था। उसका आरोप था कि कांग्रेस विधायकों ने कोरोना संकट को लेकर जो मुद्दे उठाए थे उनका कोई जवाब मंत्री ने नहीं दिया और वह अपनी बात कह गए। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में पहले शोरगुल और नारेबाजी की तथा इसके बाद पूरा विपक्ष सदन से उठकर बाहर चला गया। विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक जगत सिंह नेगी ने प्रदेश में महिलाओं, वृद्धों, दिव्यांगों और समाज के दूसरे कमजोर वर्गों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और महारानी विक्टोरिया को लेकर टिप्पणी की। इससे सदन का माहौल गर्मा गया और दोनों तरफ से खूब हो हल्ला हुआ। इसी शोर शराबे के बीच सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ओर से खूब नारेबाजी भी हुई और इसके बाद विपक्ष ने एक दिन में ही लगातार दूसरी बार वॉकआउट किया।
आरएसएस पर टिप्पणी करना गलत
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कांग्रेस सदस्य जगत सिंह नेगी द्वारा आरएसएस पर की गई टिप्पणी को गलत करार दिया। उन्होंने व्यवस्था दी कि जनसंघ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और महारानी विक्टोरिया पर कांग्रेस विधायक द्वारा की गई टिप्पणी को सदन के रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया जाएगा।
सत्तापक्ष व विपक्ष के विधायकों द्वारा नियम 130 के तहत कोरोना महामारी से पड़े प्रभावों को लेकर सदन में लाये गए विषय पर 17 विधायकों द्वारा चर्चा करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सहजल ने चर्चा पर जवाब दिया। चर्चा पर जवाब देते हुए डॉ सहजल ने कहा कि देश को एकजुट करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने ताली थाली का सहारा लिया जिसके बाद इस बीमारी से लड़ने के लिए एकता का भाव भी दिखा। उन्होंने कहा कि सीएम की नेतृत्व क्षमता भी कोरोना महामारी के दौरान देखने को मिला, जिन्होंने समय समय पर उचित निर्णय लेकर प्रदेश को इस विकट परिस्थिति से उबारने का प्रयास किया। कोरोना के समय मे कोरोना वारियर ने कोरोना संक्रमितों की जो सेवा की वह सराहनीय है। उन्होंने ऐसे समय में कोरोना मरीजों की मदद की जब संक्रमितों के सगे संबंधी उन्हें छोड़ चुके थे।
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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनवरी 2020 में ही सरकार ने कोविड से निपटने के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे, जिसके तहत 104 सेवा 24 घंटे के लिए शुरू की गई और सभी उपायुक्तों को भी हर स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए। अभी सहजल का जवाब पूरा नहीं हुआ था कि विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। बाहर वीडियो से बातचीत के दौरान कांग्रेस विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार कोविड से निपटने के बजाए नगर निगम के चुनाव व मेले करवाने में व्यस्त रही जिसके कारण कोरोना फैला। कोविड काल मे लोगों को राहत देने के बजाए सरकार ने भ्रष्टाचार किया है। दिल्ली व प्रदेश सरकार ने कोविड प्रभावित परिवारों को कोई सहायता नहीं दी। वेक्सीनेशन व कोरोना होर्डिंग के ऊपर पैसा खर्च किया जा रहा है लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत नही किया गया है। ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की कमी से निपटने के लिए सरकार ने कुछ नही किया।
,वहीं माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री का जवाब कोरोना से निपटने को लेकर वैज्ञानिक नहीं था। दूसरी लहर में अधिकतर मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई। ऑक्सीजन प्लांट लगाने बिना किसी वैज्ञानिक राय के शुरू कर दिए गए। सरकार तीसरी लहर से निपटने में भी कारगर कदम नहीं उठा पा रही है। सरकार को तीसरी लहर से निपटने के लिए कारगर कदम नहीं उठा पा रही है जो चिंता का कारण है।