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बजट चर्चा पर CM के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष का वॉकआउट- की नारेबाजी
शिमला। हिमाचल विधानसभा (Himachal Vidhan Sabha) के बजट सत्र (Budget Session) में बजट चर्चा पर सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। विपक्ष के विधायक नारेबाजी करते हुए सदन के बाहर आ गए। विपक्ष का आरोप है कि जयराम सरकार कर्ज की बैसाखियों पर चल रही है। साथ ही कर्मचारियों, पेंशनरों, आम लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए कोई बात सीएम जयराम ठाकुर ने नहीं की है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri) ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा कि बजट पर चर्चा में 34 विधायकों ने भाग लिया। उन्होंने जनहित में कुछ मसले रखे थे। सीएम जयराम ठाकुर ने बजट चर्चा पर जवाब में किसी भी पहलू को टच करने की कोशिश नहीं की। बजट डाक्यूमेंट प्रदेश को दिवालिया पन की ओर ले जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एफआरवीएम संशोधन विधानसभा में पेश कर सरकार ने विपक्ष के आरोपों को सही साबित कर दिया है। वर्ष 2005 में एक कानून बना था। इसमें कर्ज लेने की लिमिट तय की थी। अब यह लिमिट टूट गई है। अब नया कानून आ गया। कर्ज की सीमा को सकल घरेलू उत्पाद का तीन फीसदी से पांच फीसदी कर दिया गया है। वह भी एक जनवरी 2020 से। सरकार संख्या बल के बूते इस कानून को पास करवा लेगी। जयराम सरकार (Jai Ram Govt) के कर्ज की बैसाखियों पर चलने के विपक्ष के आरोप सही साबित हुए हैं।
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उन्होंने आरोप लगाया कि बजट डॉक्यूमेंट (Budget Document) में कई बातें छिपाई गई हैं। बेहतर वित्तीय प्रबंधन की छाया बजट में नहीं है। अगले साल तक कर्ज 85 हजार करोड़ से पार हो जाएगा। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम ठाकुर सदन में बताते कि कर्मचारियों को पे कमीशन का लाभ कम तक मिलेगा। पुरानी पेंशन स्कीम के बारे सरकार की क्या राय है। उन्हें उम्मीद थी कि वेट कम कर सीएम जयराम ठाकुर लोगों को महंगाई से राहत देते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। सरकार ने किसी भी वर्ग के लिए विशेष राहत नहीं दी है। साथ ही किसी की पेंशन बढ़ाने का ऐलान नहीं किया है। इसके साथ ही दृष्टि पत्र के अनुसार अनुबंध कर्मियों का अनुबंध काल तीन से दो करने को लेकर भी कोई घोषणा नहीं की गई है। पुलिस (Police) व होमगार्ड कर्मचारियों की मांग नहीं मानी है।