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एक विवाह ऐसा भी – कोरोना संकट में बेसहारा को मिला उम्रभर का साथ
अब हालात ये हो गए कई नीलम को जो थोड़ृा बहुत खाने को मिल जाता था अब वह भी नसीब नहीं था। कानपुर के रहने वाले लालता प्रसाद की भेंट नीलम से हुई।
प्रियजनों की जान भी ले सकते हैं इस बीमारी के मरीज, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर
सीजोफ्रेनिया कोई रेयर डिजीज नहीं है। बल्कि सिर्फ हमारे ही देश में इस बीमारी के करीब 40 लाख पेशंट हैं। दिक्कत इस बात की है कि हमारे समाज में मानसिक बीमारियों को लेकर जागरूकता का बहुत अभाव है।
बिग ब्रेकिंगः Himachal में 31 मई से सील नहीं होंगे बॉर्डर, जारी रहेगी आवाजाही
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन (Lockdown) के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
Big Breaking: हिमाचल में 1st June से नहीं चलेंगी Private Buses, ऑपरेटरों ने खड़े किए हाथ
निजी बस ऑपरेटर यूनियन (Private bus operator union) का कहना है कि प्रदेश सरकार एचआरटीसी और निजी बस ऑपरेटर को अलग-अलग पहलू में तोल रही है।
अब कोविड अस्पताल में Mobile इस्तेमाल कर सकेंगे कोरोना मरीज, योगी सरकार ने वापस लिया फैसला
महानिदेशक के जरिए जारी आदेश के बाद राज्य में कोविड-19 समर्पित अस्पतालों में मरीजों के जरिए मोबाइल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
कोरोना संकट में Landlords का अत्याचार, Rent के बदले कर रहे शारीरिक संबंध बनाने की मांग
नेशनल फेयर हाउसिंग एलायंस (एनएफएचए) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 100 से भी ज्यादा फेयर हाउसिंग ग्रुप्स ने पूरे अमेरिका में लोगों को इस समस्या से जूझते देखा है।
Rohit बिंदास हैं, उनकी कप्तानी बहुत हद तक Dhoni की तरह: सुरेश रैना
बकौल रैना, उसको देखकर लगता है कि वह सारे फैसले खुद ले रहे हैं। हां, बाहर से निश्चित तौर पर सलाह आ रही होगी लेकिन अपने दिमाग में वह जानते हैं कि उन्हें क्या करना है।
Covid Ward में डयूटी के बाद क्वारंटाइन नहीं भेजने का फैसला गलत, जताया विरोध
यहां डयूटी देने के बाद कर्मचारियों को क्वारंटाइन में न भेजकर सीधे घर भेजा गया तो इससे संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा। इन्होंने सरकार से अपने फैसले को बदलने की मांग उठाई है।
राहुल ने जारी किया घर लौट रहे मजदूरों से बातचीत का Video; मायावती ने बताया नाटक
मायावती ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘वैसे ही वर्तमान में कांग्रेसी नेता द्वारा लॉकडाउन त्रासदी के शिकार कुछ श्रमिकों के दुःख-दर्द बांटने संबंधी जो वीडियो दिखाया जा रहा है
लॉकडाउन में घर की याद आई तो 18 साल बाद लौटे गांव, ना मां जिंदा मिली ना बीवी
कोरोना संकट के बीच फैक्ट्री भी संकट में आ गई। लॉकडाउन (Lockdown) में काम धंधा ठप हो गया तब कुछ दिन भूखे रहने के बाद महंगी प्रसाद को घर की याद आने लगी।