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Results for " पहाड़ की संस्कृति"
शोर-शराबे से दूर जाना चाहते हैं तो इन गांवों का करें रुख, दिल को मिलेगा सुकून
इस बार आप किसी शांत इलाके में जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो गांव की तरफ रुख कीजिए। जी हां, हम जिन गांवों की बात कर रहे हैं, वो कोई साधारण गांव नहीं हैं, इन्हें विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त हो चुकी है।
ये हैं देश के सबसे बड़े चिड़ियाघर, भ्रमण के साथ-साथ मिलता है ज्ञान
भारत के पांच बड़े चिड़ियाघरों में दिल्ली के चिड़ियाघर, ओडिशा के चिड़ियाघर, असम के चिड़ियाघर, मैसूर के चिड़ियाघर और हैदराबाद के चिड़ियाघर का नाम शामिल है।
अंशुल मल्होत्रा ने हैंडलूम के क्षेत्र में जुड़े सभी हिमाचलियों को समर्पित किया नारी शक्ति पुरस्कार
अंशुल मल्होत्रा ने कहा कि यह पुरस्कार मेरा नहीं बल्कि पूरे हिमाचल वासियों व मंडी वासियों का है और उन सभी महिलाओं का है जो हैंडलूम के क्षेत्र में किसी ना किसी तरह से जुड़े हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव: संपन्न हुआ देव समागम, आशीर्वाद देकर वापिस लौटे देवी-देवता
राज्यपाल ने कहा कि उन्हें हिमाचल प्रदेश के लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। खासकर यहां के लोगों द्वारा दिया जाने वाला आतिथ्य अदभुत है।
भारत के इन राज्यों को नजरअंदाज करते हैं पर्यटक, जानें क्या है कारण
अक्सर कई सारे विदेशी पर्यटक भारत घूमने आते रहते हैं, लेकिन भारत की कुछ ऐसी जगह हैं, जहां लोग सबसे कम घूमना पसंद करते हैं।
दिल्ली में जेपी नड्डा ने राजघाट से हिमाचल भवन तक दौड़ाए हिमाचली
यह आयोजन राज्य सरकार, हिमाचल सोशल बॉडीज फेडरेशन और एनसीआर दिल्ली में रहने वाले हिमाचली प्रवासियों के संयुक्त सहयोग से किया गया । रन फॉर हिमाचल का आयोजन राजघाट से हिमाचल भवन तक किया गया।
पोचमपल्ली है दुनिया का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव, सिल्क सिटी के नाम से है मशहूर
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने पोचमपल्ली को देश का सर्वश्रेष्ठ गांव चुना है। पोचमपल्ली गांव अपनी बुनाई शैली और इकत साड़ियों के लिए जाना जाता है।
दलाई लामा से बातचीत को राजी हुआ चीन, तिब्बत नहीं इस मसले पर होगी वार्ता
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि बीजिंग तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के साथ बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने निर्वासित तिब्बती सरकार को लेकर कहा कि ये एक बाहरी अलगाववादी राजनीतिक समूह है।
जीवन के शेष दिन धर्मशाला में बिताना चाहता हूं: दलाई लामा
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने अपने एक व्याख्यान में कहा कि वे जीवन के शेष बचे दिन धर्मशाला में ही बिताना चाहते हैं। आबोहवा व भौगोलिक परिस्थितियां उनके अनुकूल हैं।
यहां अपनी ही शादी में नहीं आता है दूल्हा-हैरान कर देने वाली है परंपरा
शादी हो और दूल्हा ही ना आए,अटपटा लग रहा है सुनकर। ऐसा कहां होता है,फिर वो शादी ही क्या हुई। लेकिन हम आपको आज एक ऐसी ही सच्चाई से रूबरू करवाने जा रहे हैं,जहां बिना दूल्हें के शादी होती है। ये परंपरा हमारे ही देश में निभाई जाती है। इसे गुजरात (Gujarat) के तीन गांवों… Continue reading यहां अपनी ही शादी में नहीं आता है दूल्हा-हैरान कर देने वाली है परंपरा