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मंडी। छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी जिला का सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव (International Shivratri Festival) मंगलवार को संपन्न हो गया। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने विशेष रूप से उपस्थित होकर इस सात दिवसीय महोत्सव का विधिवत समापन किया। सबसे पहले उन्हें पारंपरिक पगड़ी पहनाई गई। इसके बाद उन्होंने राज माधव राय मंदिर में जाकर विधिवत पूजा अर्चना की और समापन समारोह की सभी प्राचीन रस्में निभाई। पूजा अर्चना के बाद राज माधव राय की पालकी निकाली गई जिसके बाद महोत्सव की अंतिम जलेब (शोभायात्रा) शुरू हुई। यह जलेब शहर भर की परिक्रमा करते हुए ऐतिहासिक पड्डल मैदान में जाकर संपन्न हुई।
जलेब के पड्डल मैदान में पहुंचते ही जिला भर से आए देवी-देवता अपने मूल स्थानों की तरफ रवाना हो गए। इससे पहले देवी-देवता शहर के चौहाटा बाजार में विराजमान रहे और लोगों ने यहां बड़ी संख्या में आकर देवी-देवताओं के दर्शन किए और उनका आशीर्वाद लिया। अपने संदेश में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि मंडी का शिवरात्रि महोत्सव देवभूमि हिमाचल की स्मृद्ध देव संस्कृति का परिचायक है। यहां की देव संस्कृति अदभूत है। सात दिवसीय इस महोत्सव का अधिकारिक तौर पर समापन हो रहा है, लेकिन लोग यहां से जिस उल्लास और आनंद के साथ वापिस जा रहे हैं, वो उत्साह और आनंद कभी समाप्त नहीं होगा।
राज्यपाल ने कहा कि उन्हें हिमाचल प्रदेश के लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। खासकर यहां के लोगों द्वारा दिया जाने वाला आतिथ्य अदभुत है। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों पर रहने वाले लोग भोले भी हैं और दिलदार भी। यहां के लोग जिस तरह से प्यार बांटते हैं वो कहीं और नहीं मिल सकता। इसके बाद उन्होंने शिवरात्रि का ध्वज उतारकर प्रशासन के अधीन किया और महोत्सव के विधिवत समापन की घोषणा की। वहीं उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया।
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