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पेरेंट्स लड़कियों को सिखाएं ये जरूरी बातें, भविष्य में नहीं होगी परेशानी
Last Updated on January 23, 2022 by saroj patrwal
एक जमाना था जब मां-बाप लड़कियों को कई तरह की बंदिशें लगाते थे, लेकिन आज के समय में लड़कियां लड़कों से कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में चल रही है या यूं कहें कि कुछ क्षेत्रों में लड़कियां लड़कों से भी आगे हैं। हालांकि, अभी भी कुछ जगह ऐसी हैं जहां लड़कियों पर काफी रोक-टोक लगाई जाती है, जोकि गलत है। हर माता-पिता को बचपन से ही अपनी लड़कियों को आत्मनिर्भर (Self-Dependent) बनाना चाहिए और आजाद रहना सिखाना चाहिए।
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कहते भी हैं ना एक लड़का शिक्षित होकर एक परिवार को शिक्षित करता है, जबकि एक लड़की के शिक्षित होने पर दो परिवार शिक्षित होते हैं। आज के समय में लड़के, लड़कियां हर कदम पर साथ चलने को तैयार हैं। ऐसे में माता-पिता को बचपन से ही लड़कियों को कुछ ऐसी शिक्षा देनी चाहिए, जिससे कि उनकी लड़कियां उज्जवल भविष्य की तरफ अपना कदम बढ़ा सकें। बचपन से ही लड़कियों को ऐसी शिक्षा देनी चाहिए, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ सके।
अपनी देखभाल करना
अक्सर ज्यादातर घरों में लड़कियां पूरे परिवार पर ध्यान देती हैं और वह खुद का ख्याल रखना भूल जाती हैं। ऐसे में हर माता-पिता को अपनी बेटी को यह सिखाना चाहिए कि वह पहले अपना ख्याल रखें क्योंकि अगर वह खुद हेल्दी (Healthy) रहेगी तभी तो वह परिवार का ख्याल रख पाएगी।
खुद के लिए लड़ना जरूरी
कई ऐसे मामले देखने को मिलते हैं, जिनमें बेटियों की आवाज दबा दी जाती है। घर के बाहर लड़की से कोई लड़का छेड़खानी (Eve-Teasing) करता है तो अक्सर लड़की के मां-बाप उसे चुप करके बात भूल जाने और घर बैठने को कहते हैं। जबकि मां-बाप के लिए ये जरूरी है कि वह अपनी लड़की को खुद के लिए लड़ना सिखाएं ताकि वह अपने लिए आवाज उठा सके।
आत्मनिर्भर होना है जरूरी
माना जाता है कि लड़कियां शादी से पहले अपने माता-पिता पर निर्भर होती हैं और शादी के बाद अपने पति पर। जबकि यह बात लड़कियों के स्वाभिमान (Self-Respect) को ठेस पहुंचाती है। ऐसे में जरूरी है कि माता-पिता बचपन से ही लड़कियों को आत्मनिर्भर बनने की शिक्षा दें। आत्मनिर्भर लड़की समाज में अपनी अलग इज्जत और नाम कमा सकेगी।
खुद के फैसले लेना
माता-पिता को बचपन से ही लड़कियों को खुद के लिए निर्णय लेने सिखाना चाहिए। अक्सर माता-पिता बचपन से ही लड़कियों को खुद के लिए निर्णय नहीं लेने देते हैं, जिस कारण लड़कियों का आत्मविश्वास (Self-Confidence) कम हो जाता है और वह अपने निर्णय लेने के लिए झिझकना शुरू कर देती हैं। ऐसे में माता-पिता को लड़कियों को अपने निर्णय खुद लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
आजादी है जरूरी
माता-पिता अपनी लड़कियों का आजादी (Freedom) का मतलब समझाएं और उन्हें जीवन में खुले विचारों से जीने की शिक्षा दें। माता-पिता अपनी लड़कियों को बताएं कि वह अपना जीवन अपनी इच्छा अनुसार जी सकती हैं और वह अपने निर्णय भी खुद ले सकती हैं।
ना बोलना आना चाहिए
अक्सर हम देखते हैं कि लड़कियां परिवार वालों के दबाव (Stress) में आकर बिना मन के भी हां बोल देती हैं, जो कि गलत है। लड़कियों को खुद की बात अपने माता-पिता के सामने खुल कर रखना आना चाहिए। ऐसे में माता-पिता को बचपन से ही लड़कियों को सिखाना चाहिए कि वह कभी दबाव में आकर कोई निर्णय ना लें और जिस बात के लिए उनका मन ना हो वह उस बात के लिए निडर होकर ना बोल सकें।
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