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नशीली दवाइयां मिलने के बाद फार्मा उद्योग का लाइसेंस रद्द, 20 का खंगाला रिकॉर्ड
पांवटा साहिब। हिमाचल के सिरमौर जिला में दो फार्मा उद्योगों में नशीली दवाइयों (Narcotics Drug) की खेप मिलने के बाद अब अन्य उद्योगों पर भी शिकंजा कसना शुरू हो गया है। अन्य उद्योगों का रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। शिमला (Shimla) से नारकोटिक्स क्राइम कंट्रोल ब्यूरो और ड्रग विभाग की टीम पिछले दो दिनों से उद्योगों में छापे मार रहा है। इस दौरान टीम ने लगभग 20 उद्योगों में दबिश दी है। हालांकि, सभी उद्योगों में किसी तरह की कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। इसी बीच पांवटा के जिस उद्योग (Pharma industry) में भारी मात्रा में दवाइयां बरामद हुई थीं, उसका नारकोटिक्स लाइसेंस रद्द (license canceled ) कर दिया गया है साथ ही उद्योग के उत्पादन पर भी फिलहाल रोक लगाई गई है।
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बता दें कि पिछले दिनों पांवटा साहिब और कालाअंब के दो उद्योगों में भारी मात्रा में नशीली दवाइयां बरामद हुई थीं। पंजाब पुलिस ने नशीली दवाइयां मिलने के बाद छानबीन में मामले के तार हिमाचल के पांवटा साहिब (Paonta sahib) के एक उद्योग से जुड़े मिले। जिसके बाद पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने हिमाचल पुलिस के साथ मिलकर उद्योगों में दबिश दी। दबिश में उद्योगों में करोड़ों की नशीली दवाइयां बरामद हुईं। इन दोनों फार्मा उद्योगों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि उद्योगों ने जिन कंपनियों के लिए माल तैयार किया था, वह अस्तित्व में नहीं हैं। कालाअंब में भारी मात्रा में नशीली दवाइयां और कच्चा माल भी पुलिस ने जब्त किया है। इसी के मद्देनजर विभाग फार्मा उद्योगों की छानबीन कर रहा है। ड्रग इंस्पेक्टर ललित ने बताया कि अब तक करीब 20 उद्योगों में छानबीन की गई है। सहायक दवा नियंत्रक सनी कौशल ने बताया कि पांवटा के देवीनगर में चल रहे यूनिक फार्मुलेशन उद्योग का नारकोटिक्स लाइसेंस रद्द किया गया है। फिलहाल उद्योग के उत्पादन पर भी रोक लगाई गई है।
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