-
Advertisement
विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल हैं भारत की इन ऐतिहासिक जगह का नाम
विश्व भर में भारत (India) अपनी ऐतिहासिक इमारतों और जगहों के लिए मशहूर है। हमारे देश में बहुत सी ऐसी जगह है जो भारत समेत दुनियाभर के पर्यटकों को बहुत पसंद आती हैं। भारत की इन जगहों का नाम यूनेस्को की विश्व धरोहरों (UNESCO’s World Heritage Sites) की सूची में भी शामिल किया गया है।
यह भी पढ़ें:हिमाचल का अद्भुत मंदिर, 5000 साल से धधक रहा अग्निकुंड, अनोखा है इसका रहस्य
साल 1983, में भारत के आगरा शहर में स्थित ताजमहल (Taj Mahal) यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना। ताजमहल को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। ताजमहल का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था। ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है। ताजमहल मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है।
साल 1985, में यूनेस्को ने भारत के असम में स्थित काजीरंगा नेशनल पार्क (Kaziranga National Park) को विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया था। जबकि, साल 2006 में काजीरंगा नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया।
साल 1986, में फतेहपुर सीकरी (Fatehpur Sikri) को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया था। फतेहपुर सीकरी उत्तर प्रदेश में एक नगर है जो कि मुगल सम्राट अकबर ने सन् 1571 में बसाया था। वर्तमान में यह आगरा जिला का एक नगर पालिका बोर्ड है। फतेहपुर सीकरी मुसलिम वास्तुकला का सबसे अच्छा उदाहरण है। फतेहपुर सीकरी मस्जिद के बारे में कहा जाता है कि यह मक्का की मस्जिद की नकल है, जिसके डिजाइन हिंदू और पारसी वास्तुशिल्प से लिए गए हैं।
भारत में स्थित कुतुब मीनार (Qutub Minar) ईंटों से बनी दुनिया का सबसे ऊंची मीनार है। साल 1993 में यूनेस्को की विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया गया था। कुतुब मीनार भारत की राजधानी दिल्ली का एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। कुतुब मीनार के चारों ओर बने अहाते में भारतीय कला के कई उत्कृष्ट नमूने हैं।
साल 2019, में राजस्थान के जयपुर में स्थित हवा महल (Hawa Mahal) को विश्व धरोहरों की सूची का हिस्सा बनाया गया। हवा महल भारतीय जयपुर में एक राजसी-महल है, जिसे साल 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था और इसे किसी राजमुकुट की तरह वास्तुकार लाल चंद उस्ता द्वारा डिजाइन किया गया था।