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मन की बात : पीएम नरेंद्र मोदी ने पानी से लेकर, तमिल भाषा पर कही अपने दिल की बात
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज फिर मन की बात (Mann Ki Baat) की। मन की बात का यह मासिक कार्यक्रम सुबह 11 बजे आकाशवाणी के सभी केंद्रों से प्रसारित हुआ। आपको बता दें कि पीएम के मन की बात कार्यक्रम का यह 74वां संस्करण था। आज पीएम नरेंद्र मोदी ने बहुत से मुद्दों पर राय रखी। इसके अलावा उन्होंने कई लोगों के मन की बात कार्यक्रम में जिक्र भी किया। मैंने इस सवाल पर विचार किया और खुद से कहा मेरी एक कमी ये रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा – तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया, मैं तमिल नहीं सीख पाया। यह एक ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनिया भर में लोकप्रिय है। कुछ दिन पहले हैदराबाद की अपर्णा रेड्डी जी ने मुझसे ऐसा ही एक सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि – आप इतने साल से पीएम हैं, इतने साल सीएम रहे, क्या आपको कभी लगता है कि कुछ कमी रह गई। अपर्णा जी का सवाल बहुत सहज है लेकिन उतना ही मुश्किल भी।
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Tune in. #MannKiBaat https://t.co/qQAT95UhTk
— Narendra Modi (@narendramodi) February 28, 2021
ओडिशा (Odisha) में अराखुड़ा में एक सज्जन हैं- नायक सर। वैसे तो इनका नाम सिलू नायक है पर सब उन्हें नायक सर ही बुलाते हैं। दरअसल वे Man on a Mission हैं। वह उन युवाओं को मुफ्त में प्रशिक्षित करते हैं जो सेना में शामिल होना चाहते हैं। Kaziranga National Park & Tiger Reserve Authority कुछ समय से Annual Waterfowls Census करती आ रही है। इस Census से जल पक्षियों की संख्या का पता चलता है और उनके पसंदीदा Habitat की जानकारी मिलती है। आप हमारे मंदिरों को देखेंगे तो पाएंगे कि हर मंदिर के पास तालाब होता है। हजो में हयाग्रीव मधेब मंदिर, सोनितपुर के नागशंकर मंदिर और गुवाहाटी में उग्रतारा मंदिर के पास इस प्रकार के तालाब हैं।
कल माघ पूर्णिमा का पर्व था। माघ महीना विशेष रूप से नदियों, सरोवरों और जलस्रोत्रों से जुड़ा हुआ माना जाता है।
माघ महीने में किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान को पवित्र माना जाता है।#MannKiBaat pic.twitter.com/3kYJBipzXr
— BJP (@BJP4India) February 28, 2021
इनका उपयोग विलुप्त होते कछुओं की प्रजातियों को बचाने के लिए किया जा रहा है। पीएम ने कहा कि कल माघ पूर्णिमा का पर्व था। माघ महीना विशेष रूप से नदियों, सरोवरों और जलस्रोत्रों से जुड़ा हुआ माना जाता है। माघ महीने में किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान को पवित्र माना जाता है। दुनिया के हर समाज में नदी के साथ जुड़ी हुई कोई न कोई परंपरा होती है। नदियों के तट पर ही अनेक सभ्यताएं विकसित हुई हैं। भारत में कोई ऐसा दिन नहीं होगा जब देश के किसी कोने में पानी से जुड़ा कोई उत्सव न हो। पीएम मोदी ने कहा कि इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है। जल हमारे लिए जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है। पानी एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। कहा जाता है पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है। वैसे ही पानी का स्पर्श जीवन के लिए जरूरी है। इसलिए पानी के संरक्षण के लिए हमें अभी से ही प्रयास शुरू कर देने चाहिए।
इस बार हरिद्वार में कुंभ भी हो रहा है।
जल हमारे लिए जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है।
पानी एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
कहा जाता है पारस के स्पर्श से लोहा, सोने में परिवर्तित हो जाता है।
वैसे ही पानी का स्पर्श जीवन के लिए जरूरी है।#MannKiBaat pic.twitter.com/7mMXsx9aHB
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आत्म निर्भर भारत की पहली शर्त होती है- अपने देश की चीजों पर गर्व होना, अपने देश के लोगों द्वारा बनाई वस्तुओं पर गर्व होना। जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है, प्रत्येक देशवासी जुड़ता है, तो आत्मनिर्भर भारत सिर्फ एक आर्थिक अभियान न रहकर एक National spirit बन जाता है। कोलकाता के रंजन जी ने अपने पत्र में बहुत ही दिलचस्प और बुनियादी सवाल पूछा है और साथ ही, बेहतरीन तरीके से उसका जवाब भी देने की कोशिश की है। हैदराबाद के चिंतला वेंकट रेड्डी जी के एक डॉक्टर मित्र ने उन्हें एक बार विटामिन-डी की कमी होने वाली बीमारीयां और इसके खतरे के बारे में बताया। रेड्डी जी किसान हैं, उन्होंने मेहनत की और गेहूं-चावल की ऐसी प्रजातियां विकसित की जो खास तौर पर विटामिन-डी से युक्त है। जब हम science की बात करते हैं तो कई बार इसे लोग physics-chemistry या फिर labs तक ही सीमित कर देते हैं, लेकिन science का विस्तार इससे कहीं ज्यादा है और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ में science की शक्ति का बहुत योगदान है।
आज ‘National Science Day’ भी है। आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक, डॉक्टर सी.वी. रमन जी द्वारा की गई ‘Raman Effect’ खोज को समर्पित है। केरल से योगेश्वरन जी ने NamoApp पर लिखा है कि Raman Effect की खोज ने पूरी विज्ञान की दिशा को बदल दिया था। हम अपने सपनों के लिए किसी दूसरे पर निर्भर रहें, ये बिलकुल ठीक नहीं है। जो जैसा है वो वैसा चलता रहे, रविदास जी कभी भी इसके पक्ष में नहीं थे। आज हम देखते हैं कि देश का युवा भी इस सोच के पक्ष में बिलकुल नहीं है। संत रविदास जी ने समाज में व्याप्त विकृतियों पर हमेशा खुलकर अपनी बात कही। उन्होंने इन विकृतियों को समाज के सामने रखा। उसे सुधारने की राह दिखाई। तभी तो मीरा जी ने कहा था- “गुरु मिलिया रैदास, दीन्हीं ज्ञान की गुटकी।”
Warrior बनना है worrier नहीं
पीएम मोदी ने बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को संदेश दिया। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी पिछली बातों को दोहराया और कहा कि आप सभी को याद है ना प्रधानमंत्री मोदी ने बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहीं छात्राओं और छात्रों को संदेश देते हुए कहा कि आप सब को याद है ना Warrior बनना है worrier नहीं, हंसते हुए परीक्षा देने जाना है और मुस्कुराते हुए लौटना है. किसी और से नहीं, अपने आप से ही स्पर्धा करनी है। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी ने तमिल भाषा को लेकर कहा कि मैं यह भाषा नहीं सीख पाया।