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देश के राष्ट्रपति को मिलते हैं ये अधिकार, सैलरी जानकर हो जाएंगे हैरान
कुछ लोगों के मन में अक्सर बहुत सारे सवाल आते हैं। जैसे कि एक अभिनेता की महीने की कमाई कितनी होगी, पीएम की मंथली सैलरी कितनी होगी, उनको छुट्टियां कितनी मिलती हैं आदि। आज हम आपको बताएंगे कि राष्ट्रपति के अधिकार क्या हैं और उन्हें कितनी सैलरी मिलती है। इसके अलावा हम आपको देश के राष्ट्रपति (President) की छुट्टियों और जिम्मेदारियों के बारे में बताएंगे।
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बता दें कि राष्ट्रपति को कई भत्ते मिलते हैं और उन्हें कई विशेषाधिकार भी दिए जाते हैं। देश की सभी जरूरी संधियां और अनुबंध राष्ट्रपति के द्वारा किए जाते हैं। भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास राष्ट्रपति भवन है, जो कि नई दिल्ली में स्थित है, जिसमें कुल 340 कमरे हैं। हमारे देश के राष्ट्रपति को करीब पांच लाख रुपए मासिक सैलरी मिलती है। इसके अलावा उन्हें आजीवन फ्री मेडिकल सुविधा और आवास समेत कई अन्य भत्ते भी मिलते हैं। राष्ट्रपति भवन की देखरेख में 200 अन्य लोगों अपनी जिम्मेदारी संभालते हैं।
इतना ही नहीं राष्ट्रपति और उनकी पत्नी या पति दुनिया भर में मुफ्त यात्रा कर सकते हैं। राष्ट्रपति को पांच लोगों का सेक्रेटेरियल स्टाफ दिया जाता है। राष्ट्रपति के पास छुट्टियां बिताने के लिए दो शानदार हॉलीडे रिट्रीट (Holiday Retreat) होते हैं, जिसमें से एक हैदराबाद में राष्ट्रपति निलयम है और दूसरा हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में स्थित रिट्रीट बिल्डिंग है। वहीं, राष्ट्रपति को गाड़ी भी लग्जरी मिलती है। राष्ट्रपति के पास पीएम की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर युद्ध की घोषणा करने की पावर है।
मिलते हैं ये अतिरिक्त अधिकार
राष्ट्रपति अपने ऑफिस की पावर और कर्तव्यों के इस्तेमाल और प्रदर्शन के लिए या किए जाने वाले किसी भी काम के लिए किसी भी अदालत को जवाब नहीं देना पड़ता है। राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान किसी भी अदालत में राष्ट्रपति के खिलाफ कोई भी आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है। इसके अलावा गिरफ्तारी या कारावास की कोई प्रक्रिया जारी नहीं की जाएगी। हालांकि, अगर अनुच्छेद 61 के तहत आरोप की जांच के लिए संसद के किसी भी सदन द्वारा नामित या नियुक्त किसी भी अदालत, न्यायाधिकरण या निकाय द्वारा उनके आचरण की समीक्षा की जा सकती है, तो तब ये नियम लागू होता है।
भरना पड़ता है टैक्स
राष्ट्रपति को भी टैक्स (Tax) भरना पड़ता है। स्वैच्छिक समर्पण (टैक्स की छूट) अधिनियम, 1961 के तहत राष्ट्रपति अपना वेतन संचित निधि में डाल देते हैं, जिससे वे टैक्स देने से बच सकते हैं।