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शिक्षा विभाग हुआ सख्तः फीस बढ़ाने से पहले जनरल हाउस में अभिभावकों से चर्चा करें निजी स्कूल
हिमाचल प्रदेश में निजी स्कूलों में फीस बढ़ाने के मामले कई बार सरकार और शिक्षा विभाग के सामने उठाए जाते रहे हैं। लेकिन इन सबके बावजूद सरकार अभी तक निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक नहीं लगा पाई है। राजधानी शिमला की बात करें तो पिछले काफी समय से छात्र- अभिभावक मंच फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके है। अब मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने को लेकर मचे बवाल के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है। उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ अमरजीत शर्मा ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि फीस बढ़ाने का प्रस्ताव पहले जनरल हाउस में रखा जाए। यानी अब फीस बढ़ाने से पहले हर स्कूलों में जनरल हाउस बुलाया जाएगा और उसमें फीस के प्रस्ताव को चर्चा के लिए रखा जाएगा। इसके बाद अभिभावकों की सहमति के बाद ही फीस बढ़ाने का अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को पिछले साल भी निर्देश दिए गए थे कि हर स्कूल में पीटीए का गठन किया जाए और जनरल हाउस बुलाकर फीस के प्रस्ताव पर चर्चा करें। लेकिन स्कूलों ने ना पीटीए का गठन किया, ना ही जनरल हाउस बुलाया। भारी भरकम फीस के मैसेज देखकर अभिभावकों की नींद उड़ गई है। उच्च शिक्षा निदेशक डा.अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि जनरल हाउस किए बिना ही फीस स्ट्रक्चर तय ना करें। पहले जनरल हाउस बुलाकर अभिभावकों से फीस बढ़ाने के लिए चर्चा करें और उसके बाद ही फीस जारी करें।
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