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ऐप से एक घंटे में कर्ज देने वालों पर अब यूं कसेगा शिकंजा
ऐप से एक घंटे में कर्ज देने वालों पर अब आरबीआई (RBI) शिकंजा कसने जा रहा है। बाद में जबरन वसूली के चलते कर्ज लेने वालों के आत्महत्या करने के बढ़ रहे मामलों के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) नियामकीय रूपरेखा लेकर आ रहा है। चूंकि ऐप से कर्ज देने वाले मंच में से कई अनधिकृत और अवैध हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि केंद्रीय बैंक जल्द ही ऐप से कर्ज देने वालों (डिजिटल ऋण मंचों) के लिए नियामकीय रूपरेखा ला रहा है,ताकि जबरन वसूली बंद हो सके। दास ने भारतीय व्यापार विषय पर एक व्याख्यान देते हुए कहा, मुझे लगता है कि बहुत जल्द हम एक व्यापक नियामकीय ढांचे के साथ सामने आएंगे, जो डिजिटल मंचों के जरिए ऋण देने के संबंध में हमारे सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम होगा। इन मंचों में कई अनधिकृत और बिना पंजीकरण के चल रहे हैं।
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क्या है सारा मामला
वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी (फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी) को बोलचाल की भाषा में फिनटेक कहते हैं। ये वित्तीय क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर कारोबार करती हैं। खर्च कम रखने के लिए यह ज्यादातर ऐप के जरिए काम करती हैं। जो कि दो तरह की होती हैं। पहली पंजीकृत फिनटेक (Fintech) की होती है जो सरकार और नियामक से मंजूरी के बाद कारोबार करती हैं। वहीं दूसरी वैसी फिनटेक हैं जो बिना किसी मंजूरी के कारोबार कर रही होती हैं।