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सीएम के गृह जिला में बीजेपी की राह में कांटे, मंडी व सुंदरनगर में बागियों ने बढ़ाई मुश्किलें
हिमाचल में विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी धुंआधार प्रचार में जुटे हैं। दोनों पार्टियों के स्टार प्रचारक प्रदेश में चुनावी माहौल को गरमा रहे हैं। सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में पीएम मोदी की रैली होने जा रही है, इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा यहां पर रैली कर चुकी है। सीएम का गृह जिला होने के कारण इस जिला पर सभी की निगाहें रहती है। जिला में कुल दस विधानसभा सीटें करसोग , सराज, नाचन, सुंदरनगर,बल्ह, सरकाघाट, धर्मपुर , जोगिंद्रनगर , द्रंग और मंडी सदर है। चुनावी दृष्टि से देखें तो इस जिला में दो सीटों पर बीजेपी की राहों में कांटें नजर आते हैं। जहां पर बीजेपी के लिए पार्टी से बागी हुए नेता सिर्द दर्द बने हुए हैं। जिला की दो अहम सीटों मंडी सदर और सुंदरनगर सीट पर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। मंडी सदर से प्रवीण शर्मा और सुंदरनगर से अभिषेक ठाकुर मैदान में डटे हुए हैं।
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मंडी सीट से बीजेपी के प्रत्याशी अनिल शर्मा के सामने कांग्रेस की ओर से कौल सिंह की बेटी चंपा ठाकुर है, वहीं अनिल शर्मा को टिकट दिए जाने से नाराज प्रवीण शर्मा निर्दलीय मैदान में है। हालांकि बीजेपी ने प्रवीण शर्मा को मनाने के प्रयास किए लेकिन वो नहीं माने। उधर अनिल शर्मा को बेटे आश्रय का साथ मिला जो कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। प्रवीण शर्मा के मैदान में उतरने से सीधा नुकसान बीजेपी को ही हुआ है।
दूसरी तरफ सुंदरनगर से पूर्व मंत्री रूप सिंह के बेटे अभिषेक ठाकुर भी पार्टी को डैमेज से सकते है। हालांकि अभिषेक के पिता रूप सिंह को पार्टी ने बाहर कर लिया है लेकिन कहीं ना कहीं वो पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बीजेपी मंडी जिला में डैमेज कंट्रोल का दावा कर रही है लेकिन इक्का-दुक्का जगह पर प्रत्याशियों को नहीं मनाया जा सका। दूसरी तरफ जिला में राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक कांग्रेस में अंदरूनी फूट थोड़ी कम दिखाई दी है वहीं अपनों से खतरे का चांस भी कम है। लोकसभा उपचुनाव में मंडी संसदीय सीट के कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सीएम जयराम के लिए झटके से कम नहीं था। लेकिन अंदरूनी फूट व बागी इन चुनावों में बीजेपी की राह कठिन कर सकते हैं।