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मजबूरी में बीजेपी से बागी बने प्रवीण शर्मा ने भरा मंडी सदर से आजाद नामांकन
Last Updated on October 20, 2022 by sintu kumar
मंडी। हिमाचल प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस से टिकट ना मिलने से नाराज नेताओं के बगावती सुर तेज होने लग गए हैं। इसी के चलते मंडी सदर से बीजेपी विधायक अनिल शर्मा को पार्टी द्वारा फिर से टिकट दिए जाने के बाद बीजेपी चुनाव प्रचार प्रसार समिति के प्रदेश संयोजक प्रवीण शर्मा ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने गत रात्रि पार्टी के सभी पदों से और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे कर आज आजाद उम्मीदवार को तौर पर अपना नामांकन पत्र दायर कर दिया है। इस मौके पर उन्होंने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पर पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर फिर से एक ऐसे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाने का आरोप लगाया जिसने पूर्व में प्रदेश के सीएम और देश के पीएम मोदी का अपमान किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ नेताओं की लापरवाही के चलते आज पूरे प्रदेश में बीजेपी के कर्मठ कार्यकर्ता मौका ना मिलने के कारण आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सदर की परिस्थिति को लेकर उन्होंने एक पत्र हाईकमान को भेजा कि इस बार अनिल शर्मा को टिकट ना देकर पार्टी कार्यकर्ता को टिकट दिया जाए लेकिन आज दिन तक उस पत्र का जवाब उन्हें नहीं मिला। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने बीजेपी को यहां पर संगठित करने का कार्य किया उनकी अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसी से आहत होकर और हजारों बीजेपी के कर्मठ कार्यकर्ताओं की भावनाओं के चलते उन्होंने भी चुनावों में आजाद उतरकर पुत्र मोह में फंसे अनिल शर्मा को पछाड़ने का मन बनाया है।
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बता दें कि मंडी शहर के रहने वाले प्रवीण शर्मा बीते 16 वर्षों से बीजेपी में सक्रिय रहे हैं। लेकिन अब उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है व बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता को भी त्याग दिया है। प्रवीण शर्मा को 2007 के विस चुनावों में पार्टी ने मंडी सीट से टिकट दिया था, लेकिन ऐन मौके पर टिकट बदलकर डीडी ठाकुर को थमा दिया गया, जो कांग्रेस के अनिल शर्मा से हार गए। 2012 में भी कांग्रेस से अनिल शर्मा विधानसभा चुनाव जीते। प्रवीण शर्मा ने वर्ष 2017 में फिर से टिकट के लिए दावेदारी ठोकी, लेकिन पैराशूट से अनिल शर्मा कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए और उन्हें टिकट दे दिया गया, वे जीत भी गए। उस समय भी कई लोग बीजेपी से इस्तीफा देने को तैयार हो गए थे, लेकिन तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की घुड़की से मामला दब गया। इस बार 2022 के चुनाव में फिर अनिल शर्मा ने प्रवीण शर्मा का टिकट काट दी है।