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चुनाव डयूटी से लापता संजीव के परिजनों ने एडीसी से की मुलाकात, उठाए कई सवाल
धर्मशाला। हिमाचल के जयसिंहपुर उपमंडल (Jaisinghpur Sub Division) के तहत आशापुरी में चुनाव डयूटी (Election Duty) से लापता हुए संजीव कुमार की तलाश के लिए स्वजनों ने अपनी आवाज बुलंद कर दी है। शनिवार को लापता संजीव कुमार (Missing Sanjeev Kumar) के परिजनों ने ग्रामीणों के साथ एडीएम कांगड़ा से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा है और संजीव कुमार को ढूंढने की गुहार लगाई है। धर्मशाला पहुंचे संजीव के परीजनों ने प्रशासन से मांग की है कि पोलिंग स्टेशन पर तैनात सभी कर्मचारयों को हिरासत में ले कर गहन पूछताछ की जाए, ताकि सच्चाई का पता चल सके। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर दो दिन के भीतर ऐसा ना किया गया तो हम सभी ग्रामीण सड़क पर धरना देंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी पुलिस व प्रशासन को होगी। वहीं उन्होंने इस मामले में कई सवाल भी उठाए हैं, जिनकी उन्होंने जांच की मांग की है। पंचायत प्रधान नीलम कुमारी, पूर्व प्रधान पृथ्वी सिंह, बीडीसी विपिन कुमार, राजेश, सुभाष आदि ने एडीएम (ADM) से सवाल उठाते हुए कहा कि संजीव कुमार को लापता हुए आज आठ दिन हो गए हैं, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा है। जिसके चलते स्वजन परेशान हैं।
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बता दें कि नगरोटा बगंवा तहसील के संजीव कुमार की जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के आशापुरी बूथ पर चुनाव ड्यूटी लगी थी। 12 नवंबर को आशापुरी बूथ के पीठासीन अधिकारी ने सुबह 4 बजे जयसिंहपुर स्थित कंट्रोल रूम को फोन कर सूचना दी कि उनकी पार्टी निवासी एपीआरओ संजीव कुमार की तबीयत खराब हो गई है, इसलिए उनके स्थान पर एक अन्य कर्मचारी को ड्यूटी पर भेजा जाए, इस बीच जब उस क्षेत्र के सेक्टर अधिकारी वहां पहुंचे तो संजीव पैदल ही निकल गए। इसके बाद संजीव कुमार ने ना तो एसडीएम कार्यालय में सूचना दी और ना ही घर पहुंचे। अगले दिन रविवार को संजीव के परिजनों ने लांबागांव थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
परिजनों और ग्रामीणों ने उठाए यह सवाल मांगे जवाब
वहीं इस घटना को लेकर रोंखर पंचायत प्रधान नीलम देवी ने कहा कि दिनांक 10 नवंबर 2022 को चुनाव ड्यूटी पर पहुंच जाने के बाद उसी रात और 11 नवंबर के दिन ड्यूटी करने के बाद ऐसा क्या हुआ कि 11 नवंबर की रात को उनके बदले ड्यूटी पर दूसरा आदमी बुलाना पड़ा। उन्होंने कहा की 11 नवंबर कि रात को ऐसा क्या हुआ कि दो रजाईया जल गई यह किसने जलाई क्या कारण था कि उस रात को स्कूल के सीसीटीवी कैमरे बंद किये गए थे। अगर वो बीमार थे तो उनको एम्बुलेंस बुला कर अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया। अगर उन्होंने उस रात गलत काम किया तो उनको उस रात उनको पुलिस स्टेशन क्यों नहीं भेजा गया। उन्होंने कहा कि संजीव के कपड़े पोलिंग स्टेशन (Polling Station) से एक किलोमीटर दूर कैसे पहुंच गए। उनके फोन की बैटरी 40% होने के बावजूद उनका फोन उनके बैग में स्विच ऑफ क्यों था। प्रधान नीलम देवी ने कहा कि अतः इन सारी बातों को देखते हुए परिजनों के मन में शंका पैदा हो रही है कि रात को ही पोलिंग स्टेशन में कुछ हुआ है। शनिवार को न्याय के लिए धर्मशाला पहुंचे संजीव के परीजनों ने प्रशासन से मांग की है कि पोलिंग स्टेशन पर तैनात सभी कर्मचारयों को हिरासत में ले कर गहन पूछताछ की जाए, ताकि सच्चाई का पता चल सके। अगर दो दिन के अन्दर ऐसा ना किया गया तो हम सभी ग्रामीण सड़क पर धरना देंगेए जिसकी सारी जिम्मेदारी पुलिस व प्रशासन को होगी।