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वैक्सीनेशन के बाद भी मास्क है जरूरी, त्योहारी सीजन में खुद को और परिजनों को रखें कोरोना से दूर
नई दिल्ली। देश में टीकाकरण (Vaccination) का आंकड़ा 100 करोड़ के पार चला गया है। स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के एक रिपोर्ट के अनुसार करीबन 25 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) की दोनों डोज लगाई जा चुकी है।
देश में कोरोना के मामले अब औसतन 12 हजार केस प्रतिदिन दर्ज किए जा रहे हैं। लेकिन जिस तरह से देश में त्योहारी सीजन (Fesitval Season) के दौरान लोगों ने लापरवाही दिखाई है। विशेषज्ञ (Experts) इसे चिंता की बात कह, कोरोना की तीसरी लहर को दावत देना बता रहे हैं।
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वहीं, वैक्सीनेशन के बाद कोरोना नहीं होने के तर्क को वैज्ञानिकों और कई सामने आ चुके कोरोना केसेस ने पूरी तरह नकार दिया है। कोविड-19 महामारी के विशेषज्ञों की एक टीम ने इस बात को पूरी तरह से नकार दिया है कि मास्क लगाना अनिवार्य नहीं है।
उनका मानना है कि मास्क इस महामारी को रोकने का एक सबसे आसान उपाय है। यही नहीं, मास्क इस बीमारी को फैलने से रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभता आ रहा है। कोविड-19 एक्सपर्ट कहते हैं कि सैकड़ों कोविड-19 मामलों के विश्लेषण से पता चलता है कि विशिष्ट परिस्थितियों में फेस मास्क सबसे अधिक सुरक्षात्मक उपाय हैं। मास्क कोरोना संक्रमित व्यक्ति के जाने अनजाने तरीके से संपर्क में आने पर भी संक्रमण से सुरक्षा करता है।
रिसर्च में हुआ खुलासा
उन्होंने कहा कि कोरोना केस स्टडी करने पर पता चलता है कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना से बचाव के लिए महत्वपूर्ण हैं। वैक्सीनेशन के बाद भी लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। इस संबंध में बर्कले स्थित कैलिफोर्निया विश्व विद्यालय के महामारी विशेषज्ञ और इस अध्ययन के सह-अध्ययनकर्ता जोसेफ लेवनार्ड ने गहन रिसर्च किया है।
वे कहते हैं कि उनके पिछले अध्ययनों ने यह साबित किया है कि मास्क लगाने से संक्रमण का खतरा कम से कम होता है। वहीं, उन्होंने बताया कि कोरोना वैक्सीनेशन के बाद के अध्ययन से भी यही बतलाते हैं। उनका कहना है कि टीकाकरण और चिकित्सा उपचार महामारी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन असल दुनिया में इसका प्रभाव कितना उपयोगी है, इसे देखना और उसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है।
कोरोना के सिंगल डोज वालों को खतरा सबसे अधिक
इस चुनौती का समाधान करने के लिए कैलिफोर्निया के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एक चिकित्सा महामारी विशेषज्ञ सीमा जैन और उनके सहयोगियों ने कैलिफोर्निया में लगभग 1,280 लोगों के मामलों का अध्ययन किया, जिन्होंने फरवरी और सितंबर 2021 के बीच कोविड-19 परीक्षण किया और ये सभी पॉजिटिव पाए गए। इस अध्ययन में पाया गया कि जिन प्रतिभागियों को पूरी तरह से टीका नहीं लगाया गया था, उनमें संक्रमण का सबसे बड़ा खतरा था।
कोविड-19 प्रभावित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने वाले प्रतिभागियों में संक्रमण की संभावना कम थी, यदि वे आमाना-सामना होने की स्थिति में मास्क नहीं पहने थे। ऐसे में यह मास्क की सुरक्षा उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिन्हें अभी तक टीका नहीं लगाया गया है। जैन का कहना है कि विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि उच्च जोखिम के दौरान मास्क सबसे बड़ा लाभ प्रदान करते हैं। उच्च जोखिम जैसे तीन घंटे से अधिक समय तक साथ रहना और घर के अंदर होते हैं।
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