-
Advertisement
छितकुल के लिए खुला सौगातों का पिटारा, पहुंच मार्ग BRO के हवाले
छितकुल। भारत-चीन सीमा से सटे वाइब्रेंट विलेज छितकुल के लिए गुरुवार को सौगातों भरा दिन रहा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू सहित जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ छितकुल का जायजा लिया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने छितकुल तक सडक़ मार्ग को बीआरओ के हवाले करने और सर्दियों के महीने में रास्ते पर बर्फ हटाने के लिए स्नो कटर देने का ऐलान किया।
नागास्ती बैरियर को हटाने की होगी कोशिश
एक दिवसीय किन्नौर प्रवास पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने छितकुल में मंदिर प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने छितकुल में वाइब्रेंट विलेज के तहत हो रहे विकास कार्यक्रमों का जायजा लिया और विभिन्न गतिविधियों पर लोगों से बातचीत की। वे हवाई मार्ग से कूपा हेलिपैड उतरे ओर सीधे छितकुल पहुंचे। जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नागस्ती बैरियर को हटाने की कोशिश की जाएगी, ताकि इस क्षेत्र में पर्यटन को और बढ़ावा मिल सके। इसी तरह वाइब्रेंट विलेज छितकुल में सोलर लाइट सहित छितकुल में बस स्टैंड सहित पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करवाने की भी घोषणा की गई। छितकुल क्षेत्र में सर्दियों के दौरान काफी आदि बर्फबारी होने से सडक़ मार्ग बंद न रहें, उसे देखते हुए एक स्नो कटर देने की भी घोषणा की गई।
करना है गांवों का समग्र विकास
इस दौरान छितकुल के ग्रामीणों ने केंद्रीय मंत्री सहित मुख्यमंत्री व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी का गर्म जोशी से स्वागत किया। इस के बाद प्रशासन सहित आईटीबीपी के आलाधिकारियों के साथ भारतीय सेना का आखरी पोस्ट नागास्ती के लिए रवाना हुए। वाइब्रेंट प्रोग्राम का मकसद भारत-चीन सीमा पर बसे गांवों का समग्र विकास करना है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 4,800 करोड़ रुपए का खर्च निश्चित किया है। इन गांवों में सडक़ों के नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 2,500 करोड़ रुपए अलग से आवंटित किए गए हैं। भारत सरकार ने जिन गांवों को चुना है, ये वे गांव हैं जो कि भारत-चीन सीमा पर फस्र्ट रिस्पांडर के रूप में जाने जाते हैं।