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कांग्रेसी नेता की सलाह- स्वास्थ्य विभाग की कमान अपने हाथों में लें Jai Ram Thakur
शिमला।कोरोना (Corona) महामारी के बढ़ते कहर और गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले, इसलिए सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) को स्वास्थ्य विभाग की कमान अपने हाथों में ले लेनी चाहिए। यह बात पूर्व मुख्य संसदीय सचिव व जुब्बल नावर कोटखाई के पूर्व विधायक रोहित ठाकुर (Rohit Thakur) ने कही। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए प्रदेश सरकार को केंद्र के दबाव में ना आकर जनहित में सीमित लॉकडाउन (Lockdown) का विकल्प खुला रखना चाहिए। जीवन और जीविका दोनों ही महत्वपूर्ण हैं, यदि लॉकडाउन लगता हैं तो सरकार लोगों को कम से कम 48 घंटे का समय तैयारी के लिए दें। कोरोना महामारी में अस्पतालों (Hospitals) की अव्यवस्था किसी से छिपी नहीं हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ (Paramedical Staff) के स्वीकृत 15,306 पदों में से 5,984 क्रियाशील पद खाली चल रहे हैं। इसमें मुख्यतः ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के 29, मेडिकल ऑफिसर के 117, स्टाफ नर्सों के 1,009, मेल हेल्थ वर्कर के 1,480, फीमेल हेल्थ वर्कर के 806, फार्मासिस्ट के 221 और लैब सहायक के 133 पद शामिल हैं।
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कोरोना के कहर को देखते हुए डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के रिक्त पड़े पदों को वॉक इन इंटरव्यू (Walk-In-Interview) से जल्द से जल्द भरा जाए। एम्स बिलासपुर जिसका निर्माण पिछले 6 वर्षों से चला हुआ हैं को शीघ्र-अति-शीघ्र कार्यशील (Functional) किया जाए, ताकि आपतकाल में जनता के काम आ सके। प्रदेश में आने वाले दिनों में दिल्ली और अन्य शहरों की तरह ऑक्सीजन की कमी से स्थिति बेकाबू ना हो जाए, इसके लिए जिन मेडिकल कॉलेजों और बड़े-बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की सुविधा है, उन्हें क्रियाशील बनाया जाए व जिला स्तर पर ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) की स्थापना के लिए जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाएं जाएं। हिमाचल में उद्योग व कृषि क्षेत्र प्रवासी मजदूरों पर निर्भर है, प्रवासी मज़दूर पलायन ना करें इसके लिए प्रदेश सरकार को दिल्ली सरकार की तर्ज़ पर आर्थिक मदद करनी चाहिए।
कृषि एवं बागवानी क्षेत्र को सरकार नजरअंदाज ना करें, बल्कि कृषि व बागवानी क्षेत्र की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। प्रदेश की 70 फीसदी जनता कृषि पर निर्भर है। गत वर्ष 2020 में भी कृषि क्षेत्र ने प्रदेश की आर्थिकी और खाद्य सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन व्यवसाय (Tourism Business) पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। सरकार पर्यटन उद्यमियों की सहायता करने के लिए आगे आए। उन्होंने कहा कि बेड की कमी को देखते हुए केवल कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ितों को ही अस्पताल में प्राथमिकता मिले, क्योंकि 90 फीसदी सामान्य कोरोना पीड़ित डॉक्टर की सलाह पर घर पर ही ठीक हो रहे हैं। सरकार को कोरोना महामारी से लड़ने की तैयारी के लिए एक वर्ष मिला था, जिसका केंद्र सरकार ने सदुपयोग नहीं कर पाई, जहां देश में वैक्सीन के तीन अलग-अलग मूल्य निर्धारित किए गए हैं, वहीं 18-44 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों के लिए 1 मई से प्रस्तावित वैक्सीन टीकाकरण का कार्यक्रम ज्यादातर राज्यों में वैक्सीन की कमी के कारण रद्द हो गया है।
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