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सफला एकादशी के व्रत से होती है समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति
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पंचांग के अनुसार साल की आखिरी एकादशी यानी सफला एकादशी 19 दिसंबर 2022, सोमवार को पड़ रही है। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 03 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होगा जो अगले दिन यानी 20 नवंबर को 2 बजकर 32 मिनट पर खत्म होगा। व्रत का पारण 20 दिसंबर 2022 की सुबह 08:05 से 09:13 बजे के बीच किया जा सकेगा।
सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाली सफला एकादशी व्रत को करने के लिए प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठें और अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान करें। स्नान के बाद सूर्य नारायण को अर्घ्य दें और इस व्रत को विधि-विधान से करने का संकल्प लें। इसके बाद पीले आसन पर भगवान विष्णु की मूर्ति या फोटो रखें और उन्हें केसर का तिलक लगाकर पीले पुष्प, पीले फल आदि चढ़ाएं भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पत्र के साथ पंचामृत (दूध, दही, चीनी (बूरा), शहद और घी) चढ़ाएं हैं और तुलसी पत्र मुख्य जड़ी बूटी है जो भगवान विष्णु को चढ़ाई जाती है। सफला एकादशी व्रत की कथा पढ़ें। शाम को सूर्यास्त से ठीक पहले पूजा करनी चाहिए और भगवान विष्णु को भोग प्रसाद चढ़ाना चाहिए। शाम को आरती करने के बाद भोग प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों में बांटना चाहिए। शाम के समय तुलसी के पौधे में भी दीपक जलाना चाहिए।
सफला एकादशी व्रत का पुण्य फल पाने के लिए भगवान श्री विष्णु की पूजा में अधिक से अधिक पीले रंग की चीजों का प्रयोग करें। श्री हरि की कृपा पाने के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ या फिर भगवान श्री विष्णु के मंत्र का जप तुलसी या फिर पीले चंदन की माला से जपें।
सावधानियां: एकादशी के दिन तुलसी का पत्ता न तोड़ें क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। आप इसे एकादशी से एक दिन पहले तोड़कर रात भर पानी में रख सकते हैं।
-मांसाहारी भोजन, प्याज और लहसुन का सेवन न करें क्योंकि यह भोजन तामसिक खाद्य पदार्थों के अंतर्गत आता है जो इस पवित्र दिन पर वर्जित है।
-.इस दिन शराब और सिगरेट का सेवन न करें। इस दिन दूसरों के बारे में बुरा ना बोलें।