-
Advertisement
Mukesh की बड़ी बातः BJP की गुप्त बैठकें, नड्डा को Letter लिखना – भगवां पार्टी के पतन की शुरूआत
शिमला। बीजेपी (BJP) में मचे घमासान के बीच नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने कहा कि भगवां पार्टी में गुप्त बैठकों का दौर शुरू हो गया है। बीजेपी सरकार के अढ़ाई साल में घोटाले और गुप्त बैठकें इस भगवां पार्टी (Saffron Party) के पतन की शुरूआत हैं। बीजेपी विधायकों के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) को पत्र लिखना भी इसी कड़ी का हिस्सा है। बीजेपी सरकार के अढ़ाई साल स्वास्थ्य घोटालों (Health scams) में निकल गए। पहले पत्र बम्ब में भी स्वास्थ्य घोटालों का उल्लेख था जिसमें पूर्व मंत्री रविन्द्र सिंह रवि (Former Minister Ravindra Singh Ravi) का मोबाइल पुलिस द्वारा जब्त किया गया, लेकिन जांच रफा-दफा कर दी गई। उसके बाद सीएमओ के माध्यम से सवा सौ करोड़ की स्वास्थ्य खरीद पर विधानसभा में हंगामा हुआ। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी इसी दौरान बदल दिए गए और उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बना दिया गया। अब भगवां पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ राजीव बिंदल (Dr. Rajeev Bindal) को स्वास्थ्य घोटाले में हटाने पर बवाल मचा हुआ है। यही नहीं सरकार ने जांच को स्वास्थ्य निदेशक की गिरफ्तारी से आगे नहीं जाने दिया और मामले में लीपापोती कर डाली।
यह भी पढ़ें: कर्फ़्यू के बीच कांगड़ा रेस्ट हाउस में BJP असंतुष्टों की बैठक पर Congress ने किया बखेड़ा खड़ा
प्रदेश सरकार सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम सरकार के रवैये को देखते हुए कांग्रेस विधायक दल (Congress Legislature Party) की एक बैठक शिमला में बुलाई गई है जिसमें अब पूरे प्रकरण में निर्णायक फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्व इस समय सबसे बड़े संकट के दौर से गुज़र रहा है और हर जगह मौत मंडरा रही है, इस दौर में स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले के इस प्रकरण में दोषियों के विरूद्ध देशद्रोह की धाराओं के तहत मामला चलाना चाहिए और प्रदेश सरकार को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
यह भी पढ़ें: First Hand: असंतुष्टों की Kangra बैठक पर BJP में घमासान, बागी करार देते हुए MLAs ने Nadda को लिखा पत्र.
उन्होंने सवाल उठाया है कि अगर स्वास्थ्य घोटाले के लिए बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष पद पर रहे नेता जिम्मेवार है और उनका इस्तीफा हो गया है तो प्रदेश की जनता को यह तो स्पष्ट किया जाए कि स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) कैसे जिम्मेदार नहीं है, उन्होंने कहा कि संकट काल में पीपीई किट्स, सैनिटाइजर एवं मास्क खरीद में घोटालों के लिए बीजेपी सरकार को प्रदेश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। यह एक आपराधिक मामला है और उसमें माफी की कोई गुंजाइश नहीं है। इस पूरी खरीद प्रक्रिया पर सवाल खड़ा हुआ है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कोविड (Covid) काल की सारी खरीद को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
सीएम बताएं, निजी सचिव हटाने की क्या वजह
नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) ने कहा कि कोविड काल में सरकार ने कितना धन इक्ट्ठा किया और उसका ब्यौरा क्या है और बिना टैंडर की खरीद में किन-किन लोगों पर रियायत लुटाई गई, उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य निदेशक से डील कर रहे दूसरे व्यक्ति की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो पाई, जाहिर है कि मामले को दफन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सैनिटाइजर खरीद (Sanitizer purchase) में भी एक बाबू को सस्पैंड कर मामला दबाया जा रहा है। इस सरकार में घोटालों के तमाम तथ्य छुपाए जा रहे हैं। उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए हम लगातार हिमाचल प्रदेश विधान सभा का विशेष सत्र (Special session of Vidhansabha) बुलाने की मांग कर रहे हैं जिसमें बीजेपी के भी आठ विधायकों (MLA) ने हमारे साथ दस्तखत किए थे और विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन दिया था।
यह भी पढ़ें: कांगड़ा में पकी BJP की खिचड़ी, Dhumal समर्थकों के बीच Kishan Kapoor भी जा बैठे
उन्होंने कहा कि अब अफसरशाही (Bureaucracy) को ताश के पत्तों की तरह फेंटा जा रहा है। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने पहले अपने प्रधान सचिव को हटाया था अब निजी सचिव (Personal secretary) हटाए जा रहे हैं। सीएम स्पष्ट करेंगे कि निजी सचिव हटाने की क्या वजह है, उन्होंने कहा कि अफसरशाही को बदलकर जनता का ध्यान बांटने की कोशिश की जा रही है जो सिरे नहीं चढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार यह भी बताए कि क्या टायर्ड-रिटायर्ड को मुद्दा बनाने वाली बीजेपी ने सिद्धांत बदल दिए हैं और अपने कार्यालय में रिटायर्ड अफसर (Retired officer) बैठाना क्या अब जायज हो गया है।