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SFI की मांग: समरहिल में लगाई जाए शहीद की मूर्ति, भगत सिंह चौक रखा जाए नाम
शिमला। राजधानी शिमला के समरहिल चौक पर भगत सिंह (Bhagat Singh) की मूर्ति लगाने की मांग को लेकर एसएफआई ने शिमला में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कुछ अन्य प्रमुख मांगे भी उठाई। एसएफआई (SFI) का कहना है कि पिछले कई वर्षों से एसएफआई मांग कर रही थी कि समरहिल चौक पर जो एमसी शिमला द्वारा भगत सिंह की मूर्ति लगाने का प्रपोजल पास हुआ था वह अभी तक नहीं लगाई गई है। इसके साथ साथ समरहिल चौक का नाम बदलकर भगत सिंह चौक (Bhagat Singh Chowk) रखा जाना था, अभी तक इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। इस पर बात रखते हुए हरीश ठाकुर ने कहा कि एक तरफ तो हमारी सरकारें भगत सिंह के नाम पर राजनीति करते हुए डोंग करती हैं, लेकिन अभी तक भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव जैसे तमाम शहीद हुए साथियों को शहीदों का दर्जा नहीं दे पाई है। वहीं दूसरी तरफ सावरकर जैसे लोगों को वीर सावरकर कहते हुए उन्हें अपना आदर्श मानती है और नाथूराम जैसे आतंकवादियों की मूर्ति बनाते हुए उसकी पूजा करती है।
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एसएफआई उपाध्यक्ष पवन ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) के अंदर जो कुलपति का चयन राज्य सभा सांसद के लिए बीजेपी द्वारा किया गया है, कहीं ना कहीं वह अपने आप में सवाल खड़ा करता है। पिछले लंबे समय से जिस तरह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को धांधलियों का अखाड़ा बनाया गया। विश्वविद्यालय का ठेकाकरण किया गया और ईआरपी सिस्टम को यहां पर लाकर हजारों बच्चों का भविष्य अंधकार में डाला गया है उसका जिम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा कि पिछले शनिवार को कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार (Prof. Sikander Kumar) ने अपना इस्तीफा दे दिया था, उसके बाद भी वह कुलपति कार्यालय आते हैं और अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। इन सभी मुद्दों पर एसएसआई विश्वविद्यालय इकाई ने चेतावनी (Warning) देते हुए कहा कि आने वाले समय के अंदर छात्रों को लामबंद करते हुए इस विश्वविद्यालय को और शिक्षा को बचाने की लड़ाई को लड़ते हुए एसएसआई आंदोलन करेगीए ताकि इस विश्वविद्यालयों का निजीकरण होने से रोका जा सके।
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