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उतर भारत की सबसे कठिनतम श्रीखंड महादेव यात्रा( Shrikhand Mahadev Yatra) इस बार 11 से 24 जुलाई तक आयोजित की जाएगी। आज इस यात्रा को लेकर डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ( DC Kullu Ashutosh Garg) ने निरमंड में बैठक है। इस बैठक में विधायक किशोरी लाल भी शामिल हुए। श्रद्धालुओं को यात्रा में हिस्सा लेने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। जिसके लिए यात्रियों को 200 रुपए फीस के अलावा अपना मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट भी अपलोड करवाना होगा। डीसी गर्ग ने कहा कि श्रीखंड महादेव यात्रा को लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी यात्रा के दौरान 5 बेस कैंप स्थापित किए जाएंगे। जिसमें रजिस्ट्रेशन के अलावा स्वास्थ्य चेकअप, रेस्क्यू टीम व इमरजेंसी सुविधाएं मुहिया करवाई जाएगी। इसके अलावा सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक विशेष दल गठित किया जाएगा। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि चोरी- छिपे यात्रा ना करें। इस बैठक में एसडीएम मनमोहन सिंह, डीएसपी रविंद्र नेगी, पंचायत समिति अध्यक्ष दलीप ठाकुर, बुद्धि सिंह ठाकुर, नगर पंचायत उपाध्यक्ष विकास शर्मा, प्रधान प्रेम ठाकुर, गोविंद प्रसाद समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
समुद्रतल से 18570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड कैलाश की यात्रा उतरी भारत की सबसे कठिनतम धार्मिक यात्रा है, जिसमें भक्तों को 32 किमी का कठिन व ग्लेशियरयुक्त मार्ग पैदल तय करना पड़ता है और यात्रा के दौरान ऊंचाईं पर आक्सीजन की कमी भी रहती है। बावजूद इसके भोले के दर्शन को भक्तों का साहस कम नहीं होता। यह यात्रा प्रतिवर्ष 15 जुलाई से प्रशासन की देखरेख में शुरू की जाती है।यात्रा के लिए भक्त शिमला से रामपुर होते हुए “एशिया के सबसे बड़े गांव निरमण्ड”पहुंचते हैं। जहां माता अम्बिका और भगवान परशुराम के दर्शनों के बाद भक्त सड़क मार्ग से वाहन द्वारा यात्रा के बेस कैंप सिंहगाड वाया बागीपुल जाओं होकर पहुंचते हैं। यात्रा में भक्तों व श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हालांकि प्रशासन द्वारा हर प्रकार की व्यवस्था की जाती है मगर इसके इसके अलावा श्रीखंड सेवादल व सेवा समितियां भी भक्तों के लिए खाने पीने व रहने सहने की सेवा करती हैं।
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