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कैसे दी जाती थी काला पानी की सजा-पढ़कर कांप उठेगी रूह
काला पानी की सजा अब तो यूं ही बोलचाल में कही जाने वाली बात रह गई है। काला पानी की सजा कैसे दी जाती थी, सुनकर ही रूह कांपने लगती है। शायद इसके तरीके के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे। आज हम इसके बारे में आपको बताने जा रहे हैं। भारत पर अंग्रेजों ने करीब 200 सालों तक राज किया। इसी दौरान देश को आजादी दिलाने वाले वीर सेनानियों को कई सारी यातनाएं दी गई थी। अंग्रेज इन स्वतंत्रता सेनानियों (Freedom Fighters)को ऐसी यातनाएं देते थे, जिससे देखने वाले लोगों की रूह कांप जाती थी। काला पानी भी इन यातानाओं में से एक था।
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बताते हैं कि अंग्रेजों की सबसे कठोर सजा देने की प्रक्रिया काला पानी ही था। काला पापी की सजा एक अलग तरह के जेल में दी जाती थी। ये जेल (Jail) अंडमान निकोबार में है। इसे अब एक राष्ट्रीय स्मारक मे तब्दील कर दिया गया है, लेकिन बटुकेश्वर दत्त और वीर सावरकर (Veer Savarkar) जैसे वीरों की कहानियां आज भी इन जेलों की याद दिलाती हैं। अंग्रेजी हुकूमत (British rule) के वक्त हजारों सैनानियों को फांसी दी गई थी। साथ ही उन्हें तोपो के मुंह पर बांध कर उड़ा दिया गया था। इनमें से कुछ लोगों को तड़पा-तड़पा कर मारा जाता था, जिसे काला पानी कहा जाता था। इस सजा के तहत इंसान को एक छोटी सी सेल में रखा जाता था,जहां पर कोई नहीं होता था। और उसे इस जगह पर भूखा प्यासा मरने के लिए छोड़ दिया जाता था। ये जेल अंडमान के पोर्ट ब्लेयर (Port Blair, Andaman) में है। इसके चारों तरफ पानी है और इंसान को यहां पर कोई दिखाई नहीं देता था। इस जेल मे बंद होने वाले कैदियों (Prisoners) को बेड़ियों से बांधकर रखा जाता था, और उन्हें भूखे- प्यासे पूरे दिन काम कराया जाता था। इन्हें देखकर इंसान की रूह कांप जाती थी। अब तो ये मात्र बातें ही रह गई हैं,लेकिन काला पानी की सजा वास्तव में रूह को कंपाने वाली थी।