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#Rana बोले- किसान आंदोलन से नई क्रांति का आगाज, केंद्र सरकार को चुकानी पड़ेगी कीमत
हमीरपुर। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा (Sujanpur MLA Rajendra Rana) ने कहा है कि जुड़ेंगे, लड़ेंगे और जीतेंगे। यह किसान आंदोलन (Farmers Protest) के जरिए नई क्रांति का आगाज़ है। देश के अन्नदाता को ठंड में ठिठुरने पर मजबूर करने की कीमत केंद्र सरकार को चुकानी पड़ेगी। देश के इतिहास में किसान आंदोलन नए बदलाव लेकर आ रहा है। यह देश को गुलाम करने के दुराग्रह से ग्रस्त सरकार के खिलाफ क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि गरीब की थाली पर सरकार ने चोट कर लोकतांत्रिक देश में हकों व अधिकारों पर डाका डाला है, जिसका खमियाजा सरकार भुगतने के लिए तैयार रहे। बीजेपी (BJP) व केंद्र सरकार (Central Government) पर सवालों की बौछार करते हुए उन्होंने कहा कि आखिर यह कृषि कानून किसके लिए हैं, जो 3 सप्ताह से अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन से भी सरकार पिघल नहीं रही है। आखिर सरकार की नजरों में किसान कौन है। अगर किसान इन कृषि कानूनों को नहीं चाहते तो फिर इन्हें रद्द करने में क्या हर्ज है। क्यों सरकार धक्केशाही व तानाशाही रवैया अपनाकर इन्हें किसानों पर थोप रही है, जबकि जिनके लिए कृषि बिल लाया गया है, वे इसे नकार चुके हैं।
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उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि आंदोलन कर रहे लोगों को अपनी बात जन-जन तक पहुंचाने तक अपनी अखबार (Newspaper) निकालनी पड़ी रही है। इसी से ब्रिटिश हुकूमत की याद आती है, जब इस तरह के क्रांतिकारी तरीके अपनाए जाते थे। एक बार फिर देश उस दौर से गुजर रहा है, जहां चहेते उद्योगपतियों के पास देश को गिरवी रखकर गुलाम भारत की नींव सरकार रख रही है, लेकिन देश की जनता सरकार के मंसूबों को जान चुकी है और ऐसा हरगिज होने नहीं देगी। किसान आंदोलन से नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है तथा धक्काशाही से कानून थोपने वालों को जनता सबक सिखाने के पूरे मूड़ में है। उन्होंने कहा कि देश के चौकीदार को आंदोलन में मर रहे किसानों की ना कुर्बानी दिख रही है और ना ही उनके परिजनों की सिसकियां सुनाई दे रही हैं। अब भी कृषि कानूनों के मनगढ़ंत फायदे गिनाए जा रहे हैं।