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हिमाचल में बंद हुए मंदिरों के कपाट, बाजारों में पसरा सन्नाटा
बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सभी मंदिर आज से बंद हो गए हैं। आज से श्रद्धालु मंदिर के अंदर नहीं जा पाएंगे। कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते सरकार ने मंदिर बंद करने का निर्णय लिया है। हालांकि मंदिरों में पुजारी हर दिन की तरह सुबह शाम पूजा सक सकेंगे। सरकार के द्वारा जब तक नए आदेश नहीं आते तब तक यह मंदिर बंद रहेंगे।
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मां नैना देवी मंदिर का मुख्य द्वार गत रात शयन आरती के बाद बंद कर दिए गए। इसके बाद सुबह की आरती के बाद भी अब द्वार पूर्ण रूप से बंद है। हालांकि कुछ श्रद्धालुओं का मंदिर में पहुंचने का सिलसिला जारी है। लेकिन वो अंदर पहले की तरह दर्शन नहीं कर पा रहे हैं।
सुबह मंदिर बंद होने के कारण नयना देवी बाजार में भी पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा क्योंकि यहां का सारा कारोबार श्रद्धालुओं पर निर्भर करता है । अगर श्रद्धालु नहीं आएंगे तो यहां पर पूरे बाजार बंद रहेंगे। हजारों की संख्या में युवा प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर से मंदिर से जुड़े हैं और उनके रोजगार पर भारी असर पड़ेगा। मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं व आम जनता के लिए सरकार के आगामी आदेशों तक बंद कर दिए गए हैं, फिलहाल यह निर्देश 1 मई तक जारी रहेंगे। उसके बाद सरकार फैसला लेगी कि मंदिर खुलेंगे या बंद रहेंगे।
मां चिंतपूर्णी का दरबार भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। कोविड-19 के ही चलते साल 2020 में 22 मार्च से 15 सितंबर तक सभी धार्मिक स्थलों के कपाट बंद रहे थे और इसी बीच अब दोबारा से संक्रमण की दूसरी लहर के खतरनाक होते मंदिरों को बंद करने का फैसला लिया गया है। मंदिरों के द्वार बंद होने के बावजूद श्रद्धालुओं का लगातार यहां पहुंचना जारी है। चिंतपूर्णी में भी दूरदराज क्षेत्रों से श्रद्धालु मां के दर्शनों के लिए शुक्रवार को भी पहुंचते रहे। श्रद्धालु इच्छा मंदिर की सीढ़ियों पर ही नतमस्तक होकर अपने घरों को लौट रहे है। जिला ऊना में केवल मां चिंतपूर्णी का ही नहीं बल्कि जिला भर के तमाम धार्मिक स्थलों को शुक्रवार से आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। हालांकि मंदिर परिसरों में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना का कार्यक्रम यथावत चलता रहेगा। एडीसी ऊना डॉ अमित शर्मा ने श्रद्धालुओं से आवाहन किया है कि सरकार के आदेशों के बाद धार्मिक स्थलों के कपाट बंद कर दिए गए हैं। ऐसी परिस्थिति में कोई भी श्रद्धालु धार्मिक स्थलों की तरफ यात्रा आरंभ न करें। मंदिरों में पहुंचने पर किसी को भी दर्शनों की अनुमति नहीं मिलेगी।