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#Himachal विधानसभा में गूंजी रेल, क्या बोले विधायक और मंत्री ने क्या दिया जवाब-जाने
Last Updated on March 19, 2021 by Sintu Kumar
शिमला। हिमाचल विधानसभा (Himachal Vidhan Sabha) के बजट सत्र (Budget Session) में आज हिमाचल में रेल विस्तार मुद्दा गूंजा। श्रीनैना देवी के विधायक रामलाल ठाकुर द्वारा नियम 101 के तहत लाए संकल्प प्रस्ताव में विधायकों ने चर्चा में भाग लिया और अपने विचार रखे। परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर (Transport Minister Bikram Thakur) ने चर्चा का जवाब दिया। बाद में सदन ने इस संकल्प को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया। चर्चा का जवाब देते हुए परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा है कि चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन को विशेष रेल परियोजना घोषित किया गया है। इस परियोजना की लागत को केंद्र और प्रदेश सरकार 50:50 फीसदी की हिस्सेदारी के रूप में वहन करेगी। परियोजना के लिए 232 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की जा चुकी है, जिसमें 177 करोड़ रुपए से अधिक रेलवे और 54.50 करोड़ रुपए प्रदेश सरकार ने जारी किए हैं। बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 54.1 किलोमीटर लंबी ऊना-हमीरपुर नई ब्रॉडगेज लाइन और 475 किलोमीटर लंबी बिलासपुर-मंडी-लेह नई ब्रॉडगेज रेललाइन का मामला केंद्र सरकार से उठाया है। ये दोनों मामले केंद्र सरकार के विचाराधीन हैं।
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उन्होंने कहा कि चंडीगढ़-बद्दी और भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेललाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति पर है, जिसके लिए रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने 731 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी कर दी है। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने चंडीगढ़-बद्दी और भानूपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइनों पर काम तेज करने के लिए हाल ही में निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने शिमला-कालका रेल लाइन (Shimla-Kalka Rail line) पर एक विस्ताडोम कोच चलाने की भी घोषणा की है। इसी तरह पांवटा-जगाधरी रेल लाइन का नए सिरे से सर्वेक्षण करवाने के लिए रेल मंत्री ने सहमति जताई है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में रेलवे लाइनों पर प्रस्तावित सभी ओवर ब्रिजों का निर्माण कार्य चरणबद्ध ढंग से किया जाएगा।
इससे पहले कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर (Congress MLA Ramlal Thakur) ने हिमाचल में रेलवे के विस्तारीकरण को सुदृढ़ करने को लेकर लाए गए संकल्प पर चर्चा शुरू करते कालका-शिमला हैरिटेज रेलवे ट्रैक को ब्रॉडगेज लाइन (Broad gauge line) के रूप में तब्दील करने का आग्रह किया और इसे रेल को शिमला जिला के सेब बहुल क्षेत्र तक पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने भानूपल्ली-बैरी होते हुए रेलमार्ग को लेह तक पहुंचाने की भी वकालत की। उन्होंने प्रदेश के धार्मिक स्थलों विशेषकर शक्तिपीठ ज्वालामुखी और श्री नैनादेवी जी से होते हुए आनंदपुर साहिब को रेल नेटवर्क से जोड़ने की मांग की। विधायक बलबीर सिंह ने भी प्रदेश के धार्मिक स्थलों को रेलमार्ग से जोड़ने का आग्रह किया।
कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि चुनाव के समय ही ऊना से हमीरपुर को रेलमार्ग से जोड़ने का मामला उठता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में प्रदेश और केंद्र में बीजेपी की सरकार होने के अलावा अनुराग ठाकुर के पास केंद्र में वित्त जैसा महत्वपूर्ण महकमा है। ऐसे में अब कोई बहाना नहीं चलेगा कि हमीरपुर तक रेललाइन नहीं पहुंच पाई। बीजेपी विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने कहा कि रेलवे विस्तार ना होने से प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि चीन ने सीमावर्ती क्षेत्र तक रेल विस्तार कर लिया है। ऐसे में प्रदेश में रेल विस्तार को बढ़ाने की आवश्यकता है। कांग्रेस सदस्य जगत सिंह नेगी ने हिमाचल प्रदेश की सबसे पुराने हैरिटेज कालका-शिमला रेलमार्ग ट्रैक से छेड़छाड़ ना करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बरसों से फोरलन तो बन नहीं पाए हैं, ऐसे में हैरिटेज टैक को छेड़ा तो यह भी खराब हो जाएगा।
बीजेपी विधायक सुभाष ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में रेल आने से हिमाचल की आर्थिकी को बल मिलेगा। विधायक होशयार सिंह ने कहा कि पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलवे लाइन अंग्रेजों के समय बिछाई गई थी तथा यह रेलमार्ग 1 भी किलोमीटर आगे नहीं बढ़ पाया है। विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि हर साल बजट में हिमाचल प्रदेश के हितों की अनदेखी की जाती है। विधायक लखविंद्र सिंह राणा ने कहा कि अंग्रेजों के समय घनोली से नालागढ़ तक रेल चलती थी, उसे बहाल किया जाना चाहिए। विधायक विनोद कुमार ने आरोप लगाया कि जब पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह केंद्र में मंत्री थे, तब भी रेल विस्तार को लेकर हिमाचल की अनदेखी हुई। विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने कहा कि जिस रेलवे का कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में रहते हुए विस्तार किया, उसका आज निजीकरण किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश में रेलवे ओवरब्रिज बनाने की मांग की। विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू (MLA Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा कि नंगल-तलवाड़ा रेलमार्ग बनने से जम्मू-कश्मीर से सबसे शार्ट रूट होगा, जिसका काम शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए।