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शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र ( Budget Session of Himachal Pradesh Vidhansabha) की कार्यवाही 11 बजे प्रश्नकाल से शुरु हुई। इस दौरान शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ( Education Minister Govind Thakur)ने सदन को बताया कि हिमाचल सरकार की एसएमसी शिक्षकों ( SMC teachers) को नियमित करने की कोई योजना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ एसएमसी की सेवाएं जारी रखने के निर्देश दिए हैं। जिस पर प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की सेवाएं एक वर्ष के लिए जारी रखी हैं और आगामी निर्णय उसके बाद होगा।
इससे पहले सदन में कांग्रेस विधायकों विनय कुमार, किशोरी लाल, वीरभद्र सिंह, हर्षवर्धन चौहान ने एसएमसी शिक्षकों के संबंध में सदन में सवाल उठाया था। उनका सवाल था कि इन नियमित करने के संबंध में सरकार कोई नीति बनाने का विचार रखती है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने एसएमसी शिक्षकों के संबंध में नीति बनाने के आदेश दिया है। सरकार क्या इनको नियमित करेगी। इस पर गोविंद ठाकुर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में हुई भर्तियां को लेकर नियमितीकरण के आदेश नहीं दिये । इस मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरुप ही है।
वहीं, अर्की के विधायक वीरभद्र सिंह व विधायक विक्रमादित्य सिंह (MLA Vikramaditya Singh) के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने जानकारी दी है कि हिमाचल शिक्षा विभाग (Education Department) में 1,341 आईटी टीचर कार्यरत हैं। 2001-02 से 2003-04 तक 234, 2002-03 से 2003-4 तक 260, 2004-05 में 494, 2004-05 से 2007-2008 में 588, 2008-09 में 805, 2009-10 में 1133, 2010-11 में 1,272, 2011-12 में 1,329, 2012-13 में भी 1329, 2013-14 में 1,578, 2015-16 में 1,461, 2016-17 में 1,458, 2017-18 में 1,385, 2018-19 में 1,371, 2019-20 में 1,367, 2020-21 में 1,348 और वर्तमान में 1,341 आईटी शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। राज्य के विभिन्न स्कूलों में नियुक्त कंप्यूटर शिक्षक के नियमितीकरण के लिए नीति बनाने का कोई विचार नहीं है।
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