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भारत का इकलौता मंदिर जहां मेंढक की होती है पूजा, जानें क्यों
भारत (INDIA) में कई ऐसे मंदिर मौजूद हैं जो अलग-अलग देवताओं को समर्पित हैं। लेकिन क्या आपने कभी मेंढक (Frog) की पूजा के बारे में या उनके मंदिर (Temple) के बारे में सुना है? अगर नहीं तो आज हम आपको ऐसे ही एक अनोखे मंदिर की कहानी (Story of Temple) के बारे में बताने वाले हैं जहां मेंढक की पूजा की जाती है। ऐसा क्यों हैं ये भी हम आपको बताएंगे।
उत्तर प्रदेश में है ये मंदिर
दरअसल, ये अनोखा मंदिर उत्तर प्रदेश (UP) के लखीमपुर-खीरी जिले के ओयल कस्बे में स्थित है। ये भारत का सिर्फ एक मंदिर है जहां मेंढक को पूजा जाता है। ये मंदिर मांडूका मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस जगह पर ओयल शैव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र था और यहां के शासक भगवान शिव (Lord Shiva) के उपासक थे। इस कस्बे के बीच मंडूक यंत्र पर आधारित प्राचीन शिव मंदिर भी है। मांडूका मंदिर में दूर-दराज से लोग मन्नतें मांगने आते हैं, खासकर यह शादीशुदा जोड़े की आस्था का केंद्र हैं।
महाशिवरात्रि पर यहां लगती है भक्तों की भीड़
चाहमान वंश के राजा बख्श सिंह ने ही इस अनोखे मंदिर का निर्माण (Construction of Temple) कराया था। इस मंदिर से जुड़ी एक मान्यता ये भी है कि सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। मेंढक मंदिर में दीपावली के अलावा महाशिवरात्रि पर भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।