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ऐसा मंदिर जहां देवी-देवता नहीं होती है मेंढक की पूजा, जानिए वजह
Last Updated on February 19, 2023 by sintu kumar
हमारा देश में देवी-देवताओं को बहुत माना जाता है इसलिए यहां बहुत सारे मंदिर भी हैं। हमारे देश में ऐसे कई मंदिर (Temple) हैं, जो अपने आप में काफी अनोखे हैं। हर मंदिर की अपनी कहानी है। मंदिरों में अलग-अलग देवताओं की पूजा के बारे में आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या आपने कभी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जहां किसी देवी-देवता की नहीं बल्कि मेंढक की पूजा होती है। हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले हैं।
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ये अनोखा मंदिर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर-खीरी जिले (Lakhimpur-Kheeri district) के ओयल कस्बे में स्थित है। यह भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर मेंढक की पूजा होती है। कहा जाता है कि इस जगह पर ओयल शैव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र था और यहां के शासक भगवान शिव के उपासक थे। इस कस्बे के बीच मंडूक यंत्र पर आधारित प्राचीन शिव मंदिर भी है। बता दें कि यह क्षेत्र 11वीं सदी से 19वीं सदी तक चाहमान शासकों के आधीन रहा था। चाहमान वंश के राजा बख्श सिंह ने ही इस अनोखे मंदिर का निर्माण करवाया था।
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कहते हैं कि इस मंदिर की वास्तु परिकल्पना कपिला के एक महान तांत्रिक ने की थी। तंत्रवाद पर आधारित इस मंदिर की वास्तु संरचना अपनी विशेष शैली के कारण लोगों का मन मोह लेती है। इस मंदिर से जुड़ी एक मान्यता ये भी है कि सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। मेंढक मंदिर में दीपावली के अलावा महाशिवरात्रि पर भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।