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धरती पर एक और खतरा : Ozone layer में हुआ बड़ा छेद, हो सकते हैं ये नुकसान
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर लगाए गए लॉक डाउन (Lock down) के चलते जहां पहले ओज़ोन लेयर (Ozone Layer) के दुरुस्त होने की खबरें थीं, वहीं, अब वैज्ञानिकों का कहना है कि ओज़ोन लेयर में एक बड़ा छेद हो गया है जो आगामी समय में काफी बढ़ सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, ये छेद करीब 10 लाख वर्ग किलोमीटर का है। उत्तरी ध्रुव पर आर्कटिक (Arctic) के ऊपर ओजोन लेयर में पड़ा ये छेद फिहाल तो अभी छोटा है लेकिन आने वाले तीन-चार महीने में ये दो से ढाई करोड़ वर्ग किमी तक फैल जाता है। वैज्ञानिकों (Scientists) का दावा है कि आर्कटिक के ऊपर बने इस नए छेद का कारण वातावरण में हो रहा परिवर्तन ही है, अत्याधिक ठंड के कारण ये छेद हुआ है।
यह परत पृथ्वी की सतह पर सूर्य से आने वाली हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों (UV-Rays) को रोक देती है, जिससे पृथ्वी पर जीवन को लेकर कई समस्याएं हो सकती हैं। इस दौरान अल्ट्रावॉयलेट किरणें सीधे धरती की सतह पर आती हैं। पहले भी वैज्ञानिकों को इस तरह के बहुत ही छोटे छेद आर्कटिक क्षेत्र के ऊपर दिखते रहे हैं। इस साल यह पहले की तुलना में बहुत बड़ा दिख रहा है।
ओजोन लेयर में छेद से आर्कटिक क्षेत्र में गर्मी बढेगी और यहां मौजूद बर्फ पिघलने की रफ्तार में इजाफा होगा। वहीं, यूवी रेज सीधे धरती की सतह पर पहुंचने से लोगों में स्किन कैंसर (skin cancer) जैसी गंभीर बीमारी के मामले बढ़ सकते हैं। स्किन कैंसर का एक और घातक स्वरूवप मेलेनोमा के मामलों में वृद्धि हो सकती है।