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नाग पंचमी 2022: कुंडली से कालसर्प दोष का प्रभाव होगा खत्म, करें ये उपाय
भारतवर्ष एक आस्थापरक देश है। यहां वनस्पतियों, नदियों, पहाड़ों, पशु-पक्षियों और नागों को पूजने के संस्कार हैं। प्राचीनकाल से नागों की पूजा होती आ रही है। भारत में नाग पंचमी (Naag Panchami) मनाने का विशेष महत्व है। इस दिन मंदिर में नाग की मूर्ति का दर्शन करना अति शुभ माना जाता है। सांपों को सूर्य और शक्ति का अवतार माना गया है।
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इस साल नागपंचमी 2 अगस्त (मंगलवार) को मनाई जाएगी। पंचमी तिथि का आरंभ 1 अगस्त की रात 2:34 बजे से शुरू हो जाएगा और 2 अगस्त को रात में 2:25 तक जारी रहेगा। उदय कालिक तिथि 2 अगस्त को सूर्योदय (sunrise) के साथ शुरू होकर समस्त दिन नाग पंचमी मनाई जाएगी।
मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प योग होता है उन्हें हर साल सावन में नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक करना चाहिए। इसके बाद चांदी के नाग-नागिन का दान करना चाहिए। ये दान किसी जरूरतमंद या ब्राह्मण को करना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिनकी जन्म कुंडली में राहु लग्न भाव से द्वितीय, चुतुर्थ, पंचम, अष्टम, नवम, द्वादश हो तो इस दिन विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से सर्प योग सहित समस्त ग्रहों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन अनंत, वासुकी, शेष, पदम, कंवल, अश्वतर, शंखपाल धृतराष्ट्र, तक्षक, कालिया और पिंगल नामक 12 नागों के जाप से विशेष लाभ मिलता है।
इस मंत्र का करें जाप
“ॐ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा” इस मंत्र का यथा शक्ति जप करना लाभदायक हो सकता है।