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कैलेंडर से 7 साल पीछे चल रहा है ये देश, जानें क्या है कहानी
पूरे विश्व में 1 जनवरी, 2022 को नया साल मनाया जा चुका है। नए साल (New Year) का पहला हफ्ता खत्म होने को है, लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा हैं जो आज से सात साल पीछे चल रहा हैं। जानकर हैरानी होगी पर ये सच है। ये देश अन्य देशों से सात साल तीन महीने पीछे चल रहा है। इस देश में एक साल में 13 महीने होते हैं। आइए जानते हैं इस देश के कैलेंडर के बारे में-
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अफ्रीकी देश इथियोपिया (Ethiopia) का कैलेंडर दुनिया से 7 साल, 3 महीने पीछे चलता है। इस देश में अभी साल 2013 चल रहा है। 85 लाख से ज्यादा आबादी के साथ अफ्रीका के दूसरे सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश के तौर पर जाना जाने वाले इथियोपिया का अपना कैलेंडर ग्रेगोरियन कैलेंडर से लगभग पौने आठ साल पीछे है। यहां नया साल 1 जनवरी की बजाए 13 महीने बाद 11 सितंबर को मनाया जाता है। इथियोपियन कैलेंडर में एक साल में 13 महीने होते हैं, इनमें से 12 महीनों में 30 दिन होते हैं। आखिरी महीना पाग्युमे कहलाता है, जिसमें पांच या छह दिन आते हैं। यह महीना साल के उन दिनों की याद में जोड़कर बनाया गया है, जो किसी वजह से साल की गिनती में नहीं आ पाते हैं। इथियोपिया के लोग इस बात का ध्यान रखते हैं कि इस कैलेंडर और उनकी मान्यताओं की वजह से सैलानियों को किसी तरह की दिक्कत का सामना ना करना पड़े। हालांकि, इथियोपिया घूमने जाने वालों को होटल की बुकिंग और कई दूसरी बेसिक सुविधाओं में कहीं ना कहीं इस कैलेंडर के कारण कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बता दें कि ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत 1582 में हुई थी, इससे पहले जूलियन कैलेंडर का इस्तेमाल हुआ करता था। कैथोलिक चर्च को मानने वाले देशों ने नया कैलेंडर स्वीकार कर लिया, लेकिन कई देशों ने इसका विरोध किया, जिसमें इथियोपिया भी एक था।
कहा जाता है कि इथियोपिया में रोमन चर्च की छाप रही और इथियोपियन ऑर्थोडॉक्स चर्च मानता रहा कि ईसा मसीह का जन्म 7 बीसी में हुआ और फिर इसी के अनुसार ही कैलेंडर की गिनती शुरू हुई। हालांकि, दुनिया के बाकी देशों में ईसा मसीह का जन्म एडी 1 में बताया गया है।
देश की खासियत
इस देश की कई अन्य खासियतें भी हैं। जैसे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल जगहों में सबसे ज्यादा जगहें इथियोपिया की हैं। वहीं, दुनिया की सबसे गहरी और लंबी गुफा, दुनिया की सबसे गर्म जगह और ढेर सारी प्राकृतिक सुंदरता का यहां खजाना है, जिसकी वजह से दुनियाभर के सैलानी यहां आते हैं।