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पॉलीहाउस सब्सिडी घोटाले में रिटायर KCC Bank प्रबंधक सहित तीन गिरफ्तार
Last Updated on July 23, 2020 by Deepak
ऊना। जिला में पॉलीहाउस (Polyhouse) निर्माण के नाम पर सब्सिडी (Subsidy) डकारने के मामले का पर्दाफाश हुआ है। मामले में विजिलेंस (Vigilance) ने केसीसी बैंक की एक महिला शाखा प्रबंधक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। विजिलेंस की अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि एक व्यक्ति ने अपने साथी के साथ मिलकर कई लोगों को करोड़ों रुपये की चपत लगाई है। इस धोखाधड़ी को केसीसी बैंक (KCC Bank) के गगरेट शाखा की तत्कालीन शाखा प्रबंधक के साथ मिलकर अंजाम दिया गया है। आज केसीसी बैंक की गगरेट शाखा में पहुंची विजिलेंस की टीम ने इस मामले से संबंधित रिकॉर्ड कब्जे में लेने के साथ इन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में और भी खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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पॉलीहाउस का निर्माण किया नहीं और डकार ली सब्सिडी
बता दें कि पूर्व धूमल सरकार के कार्यकाल में किसानों व बागबानों के लिए पंडित दीन दयाल किसान-बागबान समृद्धि योजना का शुभारंभ किया गया था। उस समय इस योजना के तहत पॉलीहाउस निर्माण के लिए अस्सी प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया था। उपमंडल गगरेट (Gagret) के ही एक व्यक्ति ने पॉलीहाउस निर्माण के लिए अपनी एक फर्म तैयार की और उस फर्म के माध्यम से पॉलीहाउस निर्माण के लिए लोगों को प्रेरित किया। स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो का दावा है कि उक्त फर्म द्वारा दो-चार पॉलीहाउस निर्माण के बाद उन्हीं पॉलीहाउस की तस्वीर अन्य कई केसों में लगाकर केस अप्रूव करवा लिए। पॉलीहाउस निर्माण के नाम पर सब्सिडी हासिल कर ली। इस मामले में कई लोगों को चूना लगाया गया। जिन लोगों के नाम पर केस मंजूर करवाए उन्हें पता ही नहीं चला कि कब उनके नाम का केस अप्रूव (Case Approv) हो गया और कब उनके खाते में आई सब्सिडी को डकार लिया गया। जब बैंक की ओर से उन्हें नोटिस जाने लगे तब इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।
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तीन तरह से लोगों को बेवकूफ बनाकर ठगते रहे
इसके बाद कुछ लोग हाईकोर्ट (High Court) भी गए तो कई लोगों ने अंब न्यायालय का दरवाजे भी खटखटाया। कुछ लोगों ने पुलिस (Police) में भी शिकायत की। इसके बाद मामला जनता दरवार में भी उठाया गया और शिकायत स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो के पास भी पहुंची। ब्यूरो ने जब पड़ताल शुरू की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। तीन तरह से लोगों को बेवकूफ बनाकर ठगते रहे। पॉलीहाउस निर्माण के नाम पर केसीसी बैंक से सीधे लोन भी पास करवा लिए गए। विजिलेंस जांच में पॉलीहाउस निर्माण करने वाली कथित फर्म का मालिक, उसका एक साथी व केसीसी बैंक की सेवानिवृत शाखा प्रबंधक संदेह के घेरे में आई। मामले में कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए आज को विजिलेंस की टीम ने केसीसी बैंक की गगरेट शाखा में दबिश दी और संबंधित रिकॉर्ड कब्जे में लिया। साथ ही तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को कल कोर्ट में पेश किया जाएगा और कोर्ट से पुलिस रिमांड मांगा जाएगा, ताकि इस मामले के और रहस्यों पर से पर्दा उठाया जा सके। स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो ऊना के प्रभारी एएसपी सागर चंद्र ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार (Arrest) किया गया है। मामले की जांच जारी है।
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कृषि विभाग के अधिकारी भी आ सकते हैं लपेटे में आने वाले समय में विजिलेंस जांच में कई खुलासे होने की उम्मीद है। योजना में हुए घोटाले की जांच की जद कृषि विभाग के अधिकारी भी आ सकते हैं। क्योंकि योजना के तहत पॉलीहाउस निर्माण के बाद जारी की जाने वाली सब्सिडी कृषि अधिकारियों की संस्तुति पर ही जारी होती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब पॉलीहाउस का निर्माण हुआ ही नहीं था तो फिर सब्सिडी कैसे जारी हो गई। स्टेट विजीलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो द्वारा फिलहाल सब्सिडी घोटाले के दो मामलों की जांच की गई है। इनमें से एक मामले में बारह लाख रुपये और दूसरे मामले में पंद्रह लाख रुपये का लोन पास हुआ था। हालांकि बताया जा रहा है कि ऐसे सत्तर-अस्सी मामले हैं।