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कोविड सैंपलिंग पर SDM के सामने बरपा हंगामा, बिगड़ा माहौल-दुकाने बंद कर बैठे व्यापारी
Last Updated on April 8, 2021 by
ऊना। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ( Health Department and District Administration)की ओर से कोविड-19(COVID-19) के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न बाजारों में कारोबारियों की सैंपलिंग को लेकर छेड़े गए अभियान को गुरुवार को उस वक्त धक्का लगा, जब कारोबारियों को अनिवार्य रूप से कोविड-19 की टेस्टिंग करवाने के निर्देश देने गई एसडीएम डॉ निधि पटेल ( SDM Dr. Nidhi Patel) के सामने ही कारोबारियों ने हंगामा खड़ा कर दिया। मेन बाजार में पहुंची एसडीएम ने सभी दुकानदारों से अनिवार्य रूप में कोविड-19 का टेस्ट करवाने की बात कही। एसडीएम के इन्हीं निर्देशों के बाद माहौल बिगड़ गया और कारोबारियों ने खुलकर प्रशासनिक आदेशों को तुगलकी फरमान करार देना शुरू कर दिया। कारोबारियों का कहना है कि जो व्यापारी स्वेच्छा से सैंपल देना चाहे केवल उन्ही की टेस्टिंग करवाई जाए। इस दौरान व्यापारियों ने दुकाने बंद करनी शुरू कर दी।
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एसडीएम ऊना डॉ निधि पटेल कारोबारियों से अनिवार्य रूप से सेंपलिंग ( Sampling) करवाने की अपील करने के लिए बाजार पहुंची। इस दौरान प्रशासन के दिशा निर्देश कारोबारियों को नागवार गुजरे और उन्होंने सीधे तौर पर प्रशासन के इन आदेशों का विरोध कर दिया। कारोबारियों का कहना था कि सभी कारोबारियों के सैंपल करवाने का निर्णय गलत है। केवल उन दुकानदारों के ही सैंपल करवाए जाएं, जिनमें कोविड-19 के लक्षण यही या जो स्वेच्छा से सैंपलिंग करवाना चाहता है। सभी के सैंपल करवाने के आदेश सरासर गलत हैं इससे कारोबारियों का कारोबार बहुत ज्यादा प्रभावित होने वाला है। देशभर में लगे लंबे लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित कारोबार जगत ही रहा है। अब ऐसे में अगर सैंपलिंग की अनिवार्यता कारोबारियों पर थोपी जाती है तो उन्हें और भी ज्यादा नुकसान होने का अंदेशा है। इस दौरान व्यापारियों ने अपनी दुकाने भी कुछ देर के लिए बंद कर दी और वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सत्ती से मुलाक़ात सारे मामले से अवगत करवाया।
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दूसरी तरफ एसडीएम ऊना निधि पटेल ( SDM Una Nidhi Patel) का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान छेड़ा गया है। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सभी लोगों की सैंपलिंग करवाना अनिवार्य है। इसी से संक्रमित लोग सामने आएंगे और एहतियात बरतने में मदद मिलेगी। एसडीम का कहना है कि वर्तमान में बिना लक्षणों के कई मरीज सामने आ रहे हैं। यही कारण है कि जिला प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर कारोबारियों के सैंपल अनिवार्य रूप से करवाने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर व्यापारी प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करेंगे तो उनपर कार्रवाई भी की जा सकती है।