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धर्मशाला। नगर निगम धर्मशाला (Municipal Corporation Dharamshala ) के तहत मनरेगा में दिहाड़ी लगाने वाली सैकड़ों महिलाओं ने अपने बकाया पैसों को लेकर नगर निगम कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान महिलाओं ने हिमाचल सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी (Sloganeering) की। इस मौके पर सभी महिलाओं ने राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के बैनर तले रोष रैली रैली भी निकाली और निगम कार्यालय (Office) के बाहर धरना दिया। महिलाओं ने नगर निगम पर आरोप लगाया कि पिछले एक साल से उन्हें वेतन के नाम पर गुमराह किया गया है।
इस मौके पर इंटक के प्रदेश महामंत्री सीताराम सैनी (Sitaram Saini) ने कहा कि रोजगार के नाम पर प्रदेश की बीजेपी सरकार मजदूरों साथ धोखा कर रही है। रोजगार (Job) गारंटी के नाम पर मजदूरों को अंधेरे में रखा गया है। सरकार की घोषणाएं कागजों तक ही सीमित हैं। सीताराम सैनी ने कहा कि कोरोना (Corona) कॉल में मजदूरों पर पहले ही संकट छाया हुआ है। ऊपर से सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा आज इन महिला मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश इंटक के महामंत्री सीताराम सैनी ने कहा कि महिला मजदूरों को पिछले एक साल से वेतन ही मिला है] जिससे उन्हें घर का चूल्हा जलाने पर भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि महिला मजदूरों के बकाया वेतन को लेकर इंटक ने जनवरी माह से सरकार के साथ पत्र व्यवहार किया था, परंतु सरकार की ओर से मजदूरों के वेतन को लेकर कोई हां नहीं भरी गई, जिससे महिला मजदूरों को आज नगर निगम व सरकार के खिलाफ सड़कों (Road) पर प्रदर्शन करने को विवश होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण मजदूर वर्ग हताश व परेशान है। उन्होंने कहा सरकार घोषणाएं तो कर रही है पर उन घोषणाओं को धरातल पर नहीं उतार रही। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नगर निगम व सरकार ने उनकी मांगीं को शीघ्र पूरा नही किया तो मजदूर को उग्र रूप से आंदोलन करने पर विवश होना पड़ेगा।
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