-
Advertisement
भानु सप्तमी पर करें भगवान सूर्य की पूजा, सुख-समृद्धि के साथ होगी सौभाग्य का प्राप्ति
भगवान सूर्य की पूजा सुख-समृद्धि और सौभाग्य को बढ़ाने वाली मानी गई है। भगवान सूर्य की साधना-आराधना के लिए फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष की सप्तमी पर पड़ने वाला भानु सप्तमी व्रत बहुत ज्यादा फलदायी माना गया है। इस दिन विधि-विधान से सूर्यदेव की पूजा करने पर व्यक्ति को सौभाग्य के साथ आरोग्य की प्राप्ति होती है।सूर्य की पूजा के लिए अत्यंत ही शुभ माने जाने वाले इस व्रत वाले दिन यदि कोई व्यक्ति आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करता है और किसी जरूरत को गुड़ और गेहूं का दान करता है तो उस पर सूर्य की कृपा बरसती है। पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की सप्तमी तिथि 26 फरवरी 2023 को पूर्वाह्न 12:20 से प्रारंभ होकर 27 फरवरी 2023 को पूर्वाह्न 12:58 बजे समाप्त होगी।
उगते हुए सूर्य देवता का दर्शन करें
भानु सप्तमी की पूजा करने के लिए व्रत वाले दिन प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठें और सबसे पहले स्नान-ध्यान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और उगते हुए सूर्य देवता का दर्शन करें। तांबे के लोटे में स्वच्छ जल लेकर थोड़ा सा उसमें गंगाजल मिला लें। इसके बाद भगवान सूर्य का ध्यान करते हुए… ॐ एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजो राशे जगत्पते. अनुकम्प्यं मां भक्त्या गृहाणार्घ्य दिवाकर।। मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें और उसी स्थान पर तीन बार परिक्रमा करें। आखिरी में सूर्य देव से हाथ जोड़कर लंबी उम्र और निरोगी रहने की प्रार्थना करें। इस व्रत में पूरे दिन नमक न खाएं।
यह भी पढ़े:रोज सूर्यदेव को अर्पित करें जल, पूरी होगी मनोकामनाएं
भानु सप्तमी पर सूर्य से संबंधित चीजों का दान करना शुभ माना गया है जैसे गेहूं, गुड़, तांबा, मसूर की दाल आदि। इनके अलावा और भी चीजें आप अपनी इच्छा अनुसार जरूरतमदों को दान करें। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य ठीक स्थिति में नहीं है, उनके लिए ये उपाय बहुत फायदेमंद हो सकता है।
सूर्य यंत्र की स्थापना अपने घर में करें। सूर्य यंत्र बाजार में पूजा-पाठ की दुकान पर आसानी से मिल जाता है। इसे अपने घर के पूजा स्थान पर रखकर प्रतिदिन दीपक लगाएं। साथ ही ऊं सूर्याय मंत्र का जाप भी करें। किसी खास काम के लिए जाते समय इस यंत्र को प्रणाम जरूर करें। इससे आपको सफलता जरूर मिलेगी।