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शिमला में हवाई सेवाओं को ग्रहण पहला एलिवेटेड हेलीपोर्ट भी सूना
शिमला में हवाई सेवाओं को मानों ग्रहण सा लग गया है. अरसे से शिमला का जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट बड़ी उड़ानों के लिए बंद है. हवाई पट्टी के विस्तार और अन्य तकनीकी कारणों से यहां उड़ान संचालित नहीं हो रहीं. अब शिमला के समीप प्रदेश का पहला एलिवेटिड हेलीपोर्टभी सूना है. यह हेलीपोर्ट 18 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बना है. जनवरी महीने में cm जयराम ठाकुर ने इसका शुभारंभ भी कर दिया है, लेकिन यहां से उड़ान नहीं हो रही है. कारण ये है कि डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी डीजीसीए ने सुरक्षा कारणों से यहां उड़ान संचालित करने की मंजूरी नहीं दी है. डीजीसीए ने इसके लिए पहले सक्षम सुरक्षा अधिकारी तैनात कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. ऐसे में निकट भविष्य में जल्दी यहां से उड़ान की उम्मीद नहीं है.जनवरी 2022 में ही हुआ था एलिवेटेड हेलीपोर्ट का लोकार्पण: नए साल के पहले महीने के पहले ही पखवाड़े में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला के समीप संजौली-ढली बाईपास पर इस हेलीपोर्ट का लोकार्पण किया था. इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार के स्वदेश दर्शन कार्यक्रम के हिमालयन सर्किट के तहत 12.13 करोड़ रुपए और उड़ान-टू योजना में छह करोड़ रुपए की मदद मिली थी. संजौली के समीप ये एलिवेटेड हेलीपोर्ट है. इससे न केवल सैलानियों को सुविधा मिलनी थी, बल्कि आपात परिस्थितियों में गंभीर रोगियों को आईजीएमसी अस्पताल लाना भी आसान हो जाता. लेकिन लोकार्पण के साढ़े चार महीने बाद भी इसका लाभ नहीं मिल रहा है.