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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में एक बार फिर भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.1 रही। दिल्ली पिछले दो महीने से लगातार हल्के झटकों का शिकार हो रही है। दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में भूकंप के झटकों की शुरुआत 12 अप्रैल (3.5 तीव्रता) से हुई थी। तब से अबतक अलग-अलग दिन 14 बार झटके लग चुके हैं। 3 जून को रात में नोएडा में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 थी। इससे पहले 29 मई को भी दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
आए दिन लग रह भूकंप के झटकों से लोगों में पैनिक फैल रहा है। आज दोपहर में आए भूकंप का केंद्र हरियाणा के गुरुग्राम (Gurugram) में बताया जा रहा है। भूकंप का केंद्र दिल्ली से सटे गुरुग्राम के पश्चिम में जमीन से 18 किलोमीटर गहराई में था। दोपहर 1 बजे दिल्ली-एनसीआर में झटके महसूस किए गए। इससे पहले आए झटकों का केंद्र कभी दिल्ली, कभी फरीदाबाद, रोहतक रहा है। विशेषज्ञों ने कहा है, भूकंप के झटकों को हल्के में न लें, ये एक भारी गलती हो सकती है। भूकंप से कम नुकसान हो इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
हाल ही में लगातार आए, दिल्ली-एनसीआर में दर्जनभर भूकंप के झटकों ने विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। वहीं लगभग 60 फीसद अनियोजित तरीके से बसी दिल्ली में 80 फीसद इमारतें असुरक्षित हैं। ऐसे में भूकंप से ज्यादा भूकंप आने पर जानमाल का नुकसान होने का भय बना रहता है। बता दें कि इइंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) के अलग-अलग एक्सपर्ट्स दिल्ली-एनसीआर में बड़ा भूकंप आने की चेतावनी दे चुके हैं। जानकार मानते हैं कि हल्के झटकों को चेतावनी की तरह देखा जाना चाहिए। गौरतलब है कि अभी तक ऐसी कोई मशीन नहीं है जो भूकंप की भविष्यवाणी कर सके। ऐसे में इन छोटे-छोटे झटकों को ही चेतावनी के रूप में देखा जा सकता है।
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